Translate

Apollo 11 space mission/astronauts,launch date,rocket.

MOON LANDING APOLLO 11


    क्या है APOLLO 11 के चांद पर उतरने का रहस्य?


    बात हे साल 29 जुलाई 1969 की Apollo 11 का मिशन चंद्रमा पर उतरता हे.



     इसमें बेटे हे दो अंतरिक्ष यात्री Neil Armstrong और Buzz Aldrin चाँद पर उतरने के लिये Neil Armstrong दरवाजा खोलने की कोशिश करते हे लेकिन दबाव जादा होणे के कारन दरवाजा जाम हो जाता हे. लेकिन थोड़े समय बाद ये खुलने में सफल होते हैं। बाद में अपना स्पेस सूट पहन के बाहर निकालने की कोशिश करते हैं। निकलते वक्त इनके स्पेससूट्स की वजह से इनके स्पेस का। 


    लूनर मॉड्यूल का टुकड़ा टूट जाता है ये चीज़ टूट गई है। ये इन दोनों को पता नहीं चलता क्योंकि वहाँ पर आवाज नहीं होता क्योंकि वहाँ पर कोई हवा नहीं चल रही होती। 


    लेकिन जो टुकड़ा टूट गया था वो स्पेसशिफ का बहुत ही जरूरी हिस्सा Ascent Engine Arming Switch था. इस चीज़ की वजह से लूनर मॉड्यूल वापस धरती पर जा नहीं सकता था। इस बात से बेखबर Neil Armstrong चाँदपुर पहला कदम रखते हैं। और दुनिया के पहले इंसान बन जाते हैं चांदपर कदम रखने वाले. क्या हकीकत मे येसा हुआ था? आज 50 साल बाद भी बहुत सारे लोक माननेसे इन्कार कर देते हे की इंसान चाँद तक गए थे लोक आज भी अपनी कहानी बनाते हैं और कहते हैं कि Apollo 11 मिशन सिर्फ एक दिखावा था अमेरिका की तरफ से इन्होंने फ़िल्म की नाटक बनाया था और दुनिया को जाकर झूठ बोला था आखिर क्यों चाँद पर लहराया गया अमेरिका का एजेंडा हिल रहा था? क्या है इसके पीछे की सच्चाई? आइए जानते हैं आज के इस विषय में।

    शीत युद्ध (Cold war ):-



    Apollo 11 मिशन लॉन्च करने के पीछे की सच्चाई थी युद्ध आसान भाषा में कहा जाए तो cold war जो की रशिया और अमेरिका के बीच में चल रहा था। उस वक्त दोनों देशों के बीच में स्पेस में जाने की रेस लग गई थी साल 1957 मैं Soviet union पहला देश बन जाता है दुनिया पहला कृत्रिम उपग्रह लॉन्च करने वाला इसका नाम था SPUTNIK ये पहला ऐसा इंसानों द्वारा बनाया गया स्पेस था जो कि धरती की परिक्रमा करने वाला स्पेस था। अमेरिका को ए देखकर शॉक लग जाता है कि सोवियत इनके आगे कैसे निकल गया? कुछ महीनों बाद 1958 में अमेरिका अपनी खुद की सैटेलाइट लॉन्च कर देता है बाद में फिर तीन सालों बाद 1961 अमेरिका को एक और झटका लग जाता है। सोवियत की एक अंतरिक्ष यात्री yuriko Gagarin दुनिया के पहले आदमी बन जाते हैं स्पेस में जाने वाले. एक बार फिर से सोवियत ने अमेरिका को पीछे छोड़ दिया. 


    इसके कुछ दिनों के बाद उस वक्त अमेरिका के जो प्रेसिडेंट JOHN F. KENNEDY ओ अपने वाइस प्रेसिडेंट ये खत लिख्ते हे। 20 अप्रैल 1961 को ओ पूछते हैं कि आखिर कैसे हम सोवियत को हरा सकते हैं? क्या कोई ऐसा स्पेस प्रोग्राम है जो हम जल्दी से कर सके और सोवियत संघ को पीछे ढकेल सके इस सवाल का जवाब अगले कुछ दिनों में इनको मिल जाता है क्योंकि आगला कदम होता है इंसानों को चांदपर भेजना 25 मई 1961 को ये अपने भाषण मे लोगो को बताते हे की ये दशक खत्म होने से पहले हम इंसान को चाँद पर भेज देंगे और जो इंसान चाँद पर भेजा जाएगा उसे सही सलामत वापस लाया जाएगा बहुत से लोगों के लिए चौंका देने वाला भाषण था इसके लिए अमेरिका आगले पाँच सालों में 9 बिलियन डॉलर के बजट देते हे स्पेस प्रोग्राम को पूरी स्पेस एजेन्सी काम पर लग जाती हे इस के लिये. आगले कुच मह्नो तक कुच प्रयास किये जाते हे।

    Apollo 1 mission:-



    फरवरी 1967 मे पहिली बार आदमी को बैठक प्रयास किया जाता है की जाती है। इस मिशन को नाम दिया जाता हे Apollo 1 लेकिन धरती पर ही हो रहे टेस्टिंग के दौरान 27 जनवरी 1967 को इनके केबिन में आग लग जाती है और जो अंदर बैठे थे तीन अंतरिक्ष यात्री उनकी मौत हो जाती है। इस हादसे के बाद भी अमेरिका हार नहीं मानता और आगे प्रयास करता है।


     अगले प्रयास Apollo 3,Apollo 4,Apollo 5 बिना अंतरिक्ष यात्री के किए जाते हैं। ऑक्टोबर 1968 को Apollo 7 मिशन लॉन्च किया जाता है इसमें फिर से तीन अंतरिक्ष यात्रियों को बैठाया जाता है अंतरिक्ष में भेजने के लिए और ये कामयाब होता है। बाद में अपोलो नाइन को भेजा जाता लूनर मॉड्यूल को चेक करने के लिए। बाद में फिर Apollo 10 मिशन को किया जाता हे इसमे उन 3 अंतरिक्ष यात्रियों को हर एक चीज़ सिखाई जाती है जो Apollo 11 मिशन में कराई जाएगी कि ओ चांदपर उतर सके आप देख सकते हैं कि कैसे नासा एक के बाद एक मिशन लॉन्च कर रहा था हर दो से तीन महीने के समय बाद एक मिशन भेज रहा था। हर एक प्रयास किया जाता है चांद पर भेजने के लिए फिर वो समय आता है।

    Apollo 11 के अंतरिक्ष यात्री:-



    16 जुलाई 1969 को Apollo 11 मिशन भेजा जाता हे. इस मिशन का हिस्सा थे तीन अंतरिक्ष यात्री Neil Armstrong, Michael Collins, Edwin Buzz Aldrin ये तीन नाम इतिहास के पन्नों में लिखे जाते हैं। Neil Armstrong और Buzz Aldrin को हर कोई जानता था ये दो बड़े फेमस नाम थे लेकिन Michael Collins को हर कोई नहीं जानता था इसका कारण मै आपको आगे बताऊँगा।

    Apollo 11 mission के स्पेसशिप के बारेमें:-




    अब ये Apollo 11मिशन का जो स्पेस क्राफ्ट था उसके मेन तिन हीसे थे command module,service module, Lunar Module पहिले दो को साथ रखकर COMMAND AND SERVICE MODULE मकसद था यहाँ पर सिर्फ लूनर मॉड्यूल छोड़कर चांदपर उतरेगा फिर वो वापिस जाने के लिए।


     लोनार मॉड्यूल को लिए जोड़ा जाएगा csm से इससे जो अंतरिक्ष यात्री थे वो वापस आ जाए धरती पर इस पूरे स्पेसक्राफ्ट को लॉन्च करने के लिए SATURN V-5 रॉकेट का इस्तेमाल किया गया था।


     लॉन्च करने से पहले इसमें एक मिलियन गैलन केरोसिन, लिक्विड ऑक्सीजन और लिक्विड हाइड्रोजन भरा गया था इस पूरे रॉकेट का वजन 30 million किलो था इसकी मदद से स्पेसक्राफ्ट गया पृथ्वी के अंतरिक्ष में पृथ्वी के अंतरिक्ष में इन्होंने एक चक्कर लगाया तब उन्हें परमिशन मिल गई कि ट्रांस लूनर इंजेक्शन शुरू किया जाए मतलब इसे चाँद की ओर ले जाया जाए ये सब लॉन्च के पांच घंटों के अंदर ही हो गया था। फिर कई दिन लगे उनको चाँद तक पहुंचने में ।



    19 जुलाई 1969 को एयरस्पेस जान के अंतरिक्ष में पहुँच जाता है। यहाँ पर उसका काम चालू होता है दो में डिवाइड हो जाना कमांड एंड सर्विस मॉड्यूल लूनर मॉड्यूल से अलग हो जाता है। command module मे बेटे थे Michael Collins दुसरा था lunar module इसमें बैठे थे Neil Armstrong, Buzz Aldrin से बात ये थी जो कमांडेंट सर्विस मॉडल था चाँद के अंतरिक्ष में चक्कर काटता रहे सिर्फ लूनर मॉड्यूल चांदपुर उतरेगा इसका मतलब ये कि चाँद पर कदम रखने का मौका सिर्फ Neil Armstrong और Buzz Aldrin को ही मिलेगा Michael Collins को नही यही कारण था कि माइकल कॉलिंस इतने मशहूर नहीं थे। 


    अब 8:08 बजे के करीब लूनर मॉड्यूल चाँद पर उतरने के लिए जा रहा था तभी नील आर्मस्ट्रांग कंट्रोल हाथ में ले लेते हैं और। वो देखते हैं कि जहाँ वो उतर रहे थे वहाँ पर बड़े बड़े पत्थर थे इसलिए वो लैंडिंग के जगह से  चार मील दूर उतर जाता है। 8:16 में Buzz Aldrin फ्यूल चेक करते है सिर्फ 5% फ्यूल बचा है फिर बड़ी मशक्कत के बाद लूनर मॉड्यूल चाँद पर उतर जाता है।

    सफलता पूर्वक landing:-

     

     Neil Armstrong अपना स्पेस सूट तयार करते हे और चाँद पर अपना पहिला कदम रखते हे. और कुछ देर तक वहाँ के सैंपल लेते और वहाँ पर सेट अप करते है।


    Lunar module को 21 घंटों तक चाँदपर रहना था उसके बाद उसे जागकर csm से जाकर जुड़ जाना था लेकीन उपर जाने के लिये इंजन की जरुरत पडती हे दोनो इस बातसे अंजान थे कि बहार निकलते वक्त उस इंजन को चलाने के लिए जो स्विच होता है वो स्विच ही टूट गया था। जब वापस निकलने के लिए बैठ जाते हैं तब उन्हें पता चलता है कि ये स्विच टूट गया है। वो मिशन कंट्रोल वालों को इस बारे में बताते हैं फिर Buzz Aldrin अपने पेन का इस्तेमाल करते हैं उसी चीज़ को चलाने के लिए बाद में फिर लूनर मॉड्यूल जुड़ जाता है csm के साथ फिर तीनों अंतरिक्ष यात्री स्पेसक्राफ्ट को धरती की और घूमा देते हैं।



     बाद में फिर कुछ प्रॉब्लम को फेस करते हुए बड़ी मशक्कत के बाद तीनों अंतरिक्ष यात्री समंदर में सुरक्षित उतरते हैं। Apollo 11 की खबर पुरे दुनिया भर में फैल गई अखबारों में छप गई।


    अगर अमेरिका के तरफ से फर्जी वीडियो होता दुनिया को दिखाने के लिए तो सोवियत संघ इस चीज़ को कभी मानता नहीं था। लेकीन 1970-79 मे the great Soviet encyclopedia मे इस चांद के मिशन को सही बताया हे।

    आखिर क्या कारण था जो चांदपर लहराया गया अमेरिकी झंडा हिल रहा था?



     क्योंकि वहाँ पर कोई हवा नहीं चल रही होती? नासा वालों को पता था कि चांदपर हवा नहीं होती है अगर वह जेंडा लहराया जाएगा तो नीचे गिरे गा लहरागा नहीं इसलिए उस झंडे को खास तरीके से तैयार किया गया था।



     उस झंडे मे एक्स्ट्रा रॉड लगाया गया था इस चीज़ की वजह से वो झंडा लहराता हुआ दिखता है। मून लैंडिंग के बाद कई देशों ने वाह वाह भी की और कई देशों ने आलोचना की नासा और अमेरिका सरकार की



     क्या जरुरत थी इतना पेसा खर्च करने की जबकी इतने पेसोसे कॉलेज,हॉस्पिटल बन सक्ते थे.उस वक्त apollo 11 मिशन के लिये 24 bilion डॉलर खर्च किये थे. लैंडिंग के कुच अच्छे फायदे भी देखणेको मिलते हे जसे कंप्यूटर मे बदलाव. आगर आपको मेरी ये जाणकारी अच्छे लगी तो शेअर करो.

    Q&A:-


    1) Apollo 11 मिशन का उद्देश्य क्या था?
    उत्तर: इसका उद्देश्य राष्ट्रपति कैनेडी के लक्ष्य को पूरा करने के लिए अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर उतारना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना था।

    2) Apollo 11 अंतरिक्ष यान को चंद्रमा तक पहुँचने में कितना समय लगा?
    उत्तर: अंतरिक्ष यान को चाँद तक पहुँचने में तीन दिन लगे।

    3) Apollo 11 मिशन के तीन अंतरिक्ष यात्री कौन थे?
    उत्तर: तीन अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग, बज़ एल्ड्रिन और माइकल कोलिन्स थे।

    4) नील आर्मस्ट्रांग ने चांद पर कदम रखते ही सबसे पहले क्या कहा था?
    उत्तर: नील आर्मस्ट्रांग ने कहा, "यह मनुष्य के लिए एक छोटा कदम है, मानव जाति के लिए एक विशाल छलांग है।"

    5) Apollo 11 मिशन ने अंतरिक्ष अन्वेषण को कैसे बदला?
    उत्तर: अपोलो 11 मिशन ने दिखाया कि चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्रियों को उतारना संभव है और इसने सौर मंडल की खोज के लिए नई संभावनाएं खोलीं।

    6). Apollo 11 मिशन का प्राथमिक लक्ष्य क्या था?
    अपोलो 11 मिशन का प्राथमिक लक्ष्य मनुष्यों को चंद्रमा पर उतारना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना था।

    7) अपोलो 11 मिशन कितने समय तक चला?
    अपोलो 11 मिशन 16 जुलाई, 1969 को शुरू हुआ और 24 जुलाई, 1969 को पृथ्वी पर लौटा, जो कुल 8 दिन, 3 घंटे, 18 मिनट और 35 सेकंड तक चला।

    8) चंद्रमा पर पहले कदम का क्या महत्व था?
    चाँद पर नील आर्मस्ट्रांग का पहला कदम एक ऐतिहासिक क्षण था जिसने अंतरिक्ष अन्वेषण में एक बड़ी उपलब्धि को चिह्नित किया, यह दर्शाता है कि मनुष्य पृथ्वी से परे यात्रा कर सकते हैं।

    9) अपोलो 11 मिशन की सफलता ने अंतरिक्ष कार्यक्रम को कैसे प्रभावित किया?
    ऊ: अपोलो 11 मिशन की सफलता ने अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए सार्वजनिक समर्थन को बढ़ावा दिया और भविष्य के मिशनों के लिए मार्ग प्रशस्त किया, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का विकास और मनुष्यों को मंगल ग्रह पर भेजने का अंतिम लक्ष्य शामिल है।

    10) शीत युद्ध क्या था ?
    ऊ :शीत युद्ध 1947 से 1991 तक सोवियत संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच एक भूराजनीतिक तनाव था।

    11) शीत युद्ध की शुरुआत कैसे हुई?
    ऊ: शीत युद्ध द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सोवियत विस्तार के जवाब में ट्रूमैन सिद्धांत और मार्शल योजना के साथ शुरू हुआ।

    12)क्यूबा मिसाइल संकट क्या था?
    ऊ: 1962 में क्यूबा मिसाइल संकट 13 दिनों का गतिरोध था, जब अमेरिका ने क्यूबा में सोवियत परमाणु मिसाइलों की खोज की, जिससे भंगुरता और एक संभावित परमाणु युद्ध हुआ।

    13) शीत युद्ध में छद्म युद्ध क्या थे?
    ऊ: प्रॉक्सी युद्ध अमेरिका और सोवियत संघ के बीच अप्रत्यक्ष रूप से लड़े गए सैन्य संघर्ष थे, जैसे कि कोरियाई युद्ध और वियतनाम युद्ध।

    14) शीत युद्ध कब समाप्त हुआ ?
    शीत युद्ध आधिकारिक तौर पर 1991 में सोवियत संघ के पतन और जर्मनी के एकीकरण के साथ समाप्त हुआ।

    अगला लेख:-


    1) पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति कैसे हुई?


    2) होल ब्लैक की सच्चाई क्या है ?


    धन्यवाद!

    एक टिप्पणी भेजें

    0 टिप्पणियाँ