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श्रीलंका/इतिहास, संस्कृति, भारत संबंध, संकट.

HISTORY OF SRILANKA 
SRILANKA


नमस्कार दोस्तों।

    श्रीलंका कभी भारत का हिस्सा क्यों नहीं बना?


    भारत देश के दक्षिणी समुद्र तट और सबसे करीब देश श्रीलंका भारत का हजारों साल पुराना देश है। और जब पिछले साल श्रीलंका दिवालीया घोषित हुआ था तब भारत एकमात्र देश था जो श्रीलंका की मदद की थी। और और वर्तमान में श्रीलंका को INTERNATIONAL MONETARY FUND से लोन देने के लिए भारत साक्षीदर के रूप में खड़ा है। क्योंकि भारत के लिए श्रीलंका सामूहिक और रणनीति रूप से सबसे महत्वपूर्ण देश है श्रीलंका भारत की दूरी 53 किलोमीटर है। जबकि भारत के खुद के द्वीप समूह अंडमान निकोबार की दूरी 1914 किलोमीटर है। इसका मतलब ये अंडमान निकोबार के मुकाबले श्रीलंका भारत से बहुत ज्यादा नजदीक है। फिर भी श्रीलंका भारत का हिस्सा नहीं है। इसका कारण कई लोग मानते हैं कि 1947 में भारत की आजादी के समय श्रीलंका को भारत मे मिलने नहीं दिया। तभी कई लोग ये भी मानते हैं कि श्रीलंका देश भारत का हिस्सा था ही नहीं। और इतना ही नहीं जब भी भारत देश का नक्शा दिखाते है तब श्रीलंका उसमें साथ दिखाई देता है तो आखिर इसका क्या कारण हैं हम आगे जानेगे? और यह भी जानेंगे श्रीलंका भारत देश का हिस्सा क्यों नहीं रहा? क्यों भारत देश के नक्शे में इस श्रीलंका को दिखाया जाता है?

    श्रीलंका का इतिहास:-


            जिस श्रीलंका को हम जानते हैं उसका नाम पहले Ceylon होता था। बाद में साल 1972 को श्रीलंका सरकार ने नाम बदलकर Lanka रख दिया। बाद में फिर साल 1978 मे इसके आगे समान सूचीक शब्द sri को जोड़ दिया गया उसके बाद इस देश का नाम Sri Lanka पड़ गया. भारत और श्रीलंका के संबंध हजारों साल पुराने हे क्योंकि श्रीलंका का जिक्र भारत के महाकाव्य रामायण मैं भी मिलता है। जब भगवान श्रीराम माता सीता को छुड़ाने श्रीलंका गए थे। रामायण में आपको रामसेतु के बारे में भी देखने को मिलेंगा जो कि आज भी सैटेलाइट की मदद से देखा जा सकता है। इतना ही नहीं। श्रीलंका के वैज्ञानिक भी मानते हैं कि आज से कई साल पहले भारत के आर्यन श्री लंका आकर बस गए थे। इसके अलावा श्रीलंका के प्राचीन पुस्तकें mahavansh &Deepvansh में भी बताया गया है कि पश्चिम बंगाल से विजयं नामक राजा श्रीलंका आकर बस गए थे और भारत के राजा सम्राट अशोक के पुत्र महेंद्र ने श्रीलंका जाकर बहुत धर्म का प्रचार किया था। श्रीलंका के उत्तर में रहने वाली आबादी हिंदू धर्म को मानती है और वर्तमान में श्रीलंका में सबसे बड़े आबादी सिंहल जाति की है जिसका निर्माण भी भारतीय आर्यन। और श्रीलंका के विदेशी लोगों ने मिलकर बनाया था। और वहाँ के सिंहल भाषा का निर्माण भी भारत के गुजराती भाषा और सिंधी भाषा से मिलाकर बनाई गई थी। भारत की राजओ द्वारा फैलाए हुए बुद्ध धर्म के लोग ज्यादा देखने को मिलते हैं। इसके कारण श्रीलंका की ज्यादातर आबादी बहुत धर्म को मानती है।


    Chola Empire & pandyan Empire:-


                 इसके अलावा महान सम्राट chola Territory ने श्रीलंका पर कब्जा किया था और उनके Anuradhapuram सम्राज को अपने साम्राज्य मे मिला दिया था जिस्के बाद परा श्रीलंका सोळा साम्राज्य के अधिन आ गया था.



    उसके 13 वीं शताब्दी के बाद Pandyan साम्राज्य ने अधिकार जमा लिया। इसका मतलब चोला और पांडियन साम्राज्य ने श्रीलंका कई शताब्दी तक राज्य किया। इसकी वजह से भारत की संस्कृति का श्रीलंका मे देखने को मिलती है।

    श्रीलंका भारत देश का हिस्सा न बनने के कारण:-


    श्रीलंका भारत देश का हिस्सा न बनने का एक सबसे बड़ा कारण यह था श्रीलंका एेतिहासिक रूप से एक आजाद देश की तरह रहा है। श्रीलंका की ज्यादातर आबादी सिंहल जाति के ही और यह देश इन्हीं लोगों के द्वारा शासित किया गया है। श्रीलंका में यह बहुत कम बार हुआ है कि बाहर की राजा ने श्रीलंका परे राज्य किया हो कुछ समय के लिए भारतीय राजा ने यहाँ पर कब्जा किया था आंतरिक रूप से सिंह राजाओं द्वारा शासन दिया गया था। यहाँ पर भले ही आर्यन लोग इस श्रीलंका में आए थे लेकिन यहाँ पर उन्होंने कभी राज़ नहीं किया। जो देश लंबे समय तक बाहरी देशों का गुलाम ना रहा हो ऐसे देश को किसी और देश से जुड़ना बहुत ही। मुश्किल होता है। बाद में फिर आधुनिक समय में हमारी भारत की तरह श्रीलंका भी ब्रिटिश हुकूमत का गुलाम रहा था असल में पहली बार श्रीलंका में पुर्तगाल फिर डच आखिर में ब्रिटिश हुकूमत ने राज़ किया था। इस साल 1796 तक ब्रिटिश सरकार ने श्रीलंका के सभी तटों पर कब्जा किया था। बाद में फिर 1816 में पूरे श्रीलंका पर ब्रिटिश ने कब्जा जमा लिया था। इसके कारण दोनों देशों में कई समानताएं देखने को मिलती है, जिससे सी एक है रेलवे और चाय का विकास अंग्रेजों द्वारा ही किया गया था। लेकिन भारत और श्रीलंका में ब्रिटिश हुकूमत अलग अलग थी श्रीलंका का शासन भारत की ब्रिटिश कॉलोनी के अंदर नहीं आता था श्रीलंका Ceylon British colony अंदर आता था क्योंकि भारत एक बड़ा देश था इस देश पर ज्यादा दूर राजाओं का शासन था इसलीये श्रीलंका को भारत से अलग ब्रिटिश सरकार द्वारा शासित किया गया था वही भारत के आजदी के समय की बात करे तो साल 1947 मे पुरे भारत को येक ही प्रशासनिक के आंतर्गत एक ही यूनिट ने शासित किया था इसके कारण साल 1947 तक भारत के सीमाएं निश्चित कर दिए गए थी। जिससे आजादी के बाद भारत के नेताओं को खासकर सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भारत की सीमा के अंदरगत आने वाले सभी रियासतों को और ब्रिटिश कॉलोनियों को भारत में मिला दिया था लेकिन इन रियासतों को मिलाने में सरदार वल्लभभाई पटेल जी को काफी मेहनत करनी पड़ी क्योंकि कई रियायतें अलग देश बनना चाहती थी फिर भी सेनाओं के सहायता से सरदार वल्लभ भाई पटेल जी ने ब्रिटिश रियासतों को भारत में मिला दिया गया था लेकिन 1947 तक श्रीलंका पर अंग्रेजों का अधिकार था श्रीलंका पहले से ही भारत के। ऐड्मिनिस्ट्रेटिव के अंतर्गत नहीं आता था इसके कारण श्रीलंका को सरदार वल्लभभाई पटेल जी भारत में मिला नहीं सकते थे.

    श्रीलंका का की आझादी:-


              बाद में फिर साल 4 फेब्रुवारी 1948 श्रीलंका को ब्रिटिश सरकार से आजादी मिल गई। और अगर श्रीलंका की सभ्यता और संस्कृति की बात की जाए तो इसका निर्माण भारत की आर्य संस्कृति और श्रीलंका के मूल निवासी द्वारा बनाई गई इसके कारण श्रीलंका में बहुत धर्म खानपान रहन सहन भारतीयों से मिलते हैं।


     


    श्रीलंका की सिंहल जाति की लोकसंख्या उनके कुल लोकसंख्या से 73% हे और ये लोग भारत की संस्कृति से अलग उनकी संस्कृति मानते हैं। इसलिए ये लोग किसी और संस्कृति के द्वारा शासित नही होना चाहते थे इस कारण श्रीलंका ने कभी भारत के हिस्सा होने की कोशिश नहीं की थी। ना कि भारत ने श्रीलंका को अपना देश बनाने की कोशिश किया हे क्योंकि भारत की संस्कृति से समानता रखने वाला नेपाल,म्यांमार, भूटान जैसे देश भी है जो आजादी के बाद भारत का हिस्सा नहीं होना चाहती।

    लेकिन फिर आजादी के बाद सिक्किम देश का जिंस प्रकार भारत में विलय हुआ था उसी प्रकार श्रीलंका का भी विलय होने की संभावना बढ़ चुकी थी लेकिन अंग्रेजों ने साल 1948 में श्रीलंका को आजादी देने के बाद श्रीलंका में एक अधिकारी सिंहली जाति के लोगों को दिया जिसके कारण श्रीलंका की तमिल में समुदाय रास्ते पर आ गई और सिंहली समुदाय द्वारा तमिल समुदाय पर बहुत अत्याचार भी किए गए बाद में फिर साल 1980 तक श्रीलंका और भारत के संबंध अच्छे बन गए थे। इसी चीज़ की वजह से ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि श्रीलंका भारत का हिस्सा बन जाएगा

    श्रीलंका का सबसे बड़ा आतंकवादी संगठन:-


    लेकिन साल 1983 में गृह युद्ध शुरू हो गया था जो कि Liberation Tigers of Tamileelam और श्रीलंका के सेना के बीच में शुरू हो गया था इसी कारण श्रीलंका की भारत में मिलने की पूरी संभावनाएँ खत्म हो चुकी थी। Liberation Tigers of Tamileelam श्रीलंका का सबसे बड़ा आतंकवादी संगठन था जो की उत्तर और पश्चिम में तमिल देश एल्म बनाना चाहता था। और 1970 & 1980 दशक मे भारतीय खुफिया एजेंसी Raw और तमिलनाडु सरकार पर भी काफी आरोप लगे थे की इन्होंने लीटे संघटन को हथियार,पैसे,ट्रेनिंग देकर इन संगठनों को काफी मदद की थी। और इस ग्रुप को खड़ा होने में सहायता की थी। इस कारण भारत और श्रीलंका के संबंध थोड़े बहुत खराब भी हो गए थे इसके बाद भारत और श्रीलंका ने एक शांति समझौता साइन कर लिया।
    इसके बाद लिट्टेया संगठन ने राजीव गाँधी की हत्या भी कर दी थी। इसके बाद भारत सरकार ने भी लिटियाँ संगठनों को आतंकवादी संगठनों घोषित कर दिया। यानी श्रीलंका के गृहयुद्ध के कारण भारत और श्रीलंका के मिलने की पूरी संभावनाओं को खत्म कर दिया गया
    लेकिन श्रीलंका भारत का हिस्सा न होने के बावजूद भी भारत के नक्शा के साथ श्रीलंका को दिखाया जाता है इसका कारण यह है कि संयुक्त संगठन द्वारा बनाया गया The Law of Sea हे इस कानून के मुताबिक किसी देश की सीमा सुमुद्र से लगती है तो उसके देश के 370 किलोमीटर का समुद्री इलाका मान लिया जायेगा इस कानून के मुताबिक भारत के समुद्री सीमा के अंदर श्रीलंका आता है। इस कारण भारत को श्रीलंका को अपने अंदर दिखाना जरूरी है। इस कारण भारत के साथ श्रीलंका हमेशा नक्शे में दिखाया जाता है। 

    श्रीलंका का आविष्कार कैसे हुआ?



    श्रीलंका, जिसे सीलोन के नाम से भी जाना जाता है, दक्षिण एशिया में स्थित एक द्वीप देश है। श्रीलंका की उत्पत्ति 2,500 साल पहले प्राचीन सिंहली साम्राज्य में देखी जा सकती है। द्वीप शुरू में स्वदेशी जनजातियों जैसे वेदहों द्वारा बसा हुआ था, जो शिकारी-संग्रहकर्ता समुदाय थे।

    माना जाता है कि सिंहली लोग 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व के आसपास भारत से श्रीलंका चले गए थे, और उन्होंने द्वीप पर पहला राज्य स्थापित किया था। ये राज्य सदियों तक फलते-फूलते रहे और भारत, दक्षिण पूर्व एशिया और यूरोप के साथ संपर्कों से समृद्ध हुए।

    श्रीलंका के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में भारतीय सम्राट अशोक द्वारा बौद्ध धर्म की शुरुआत थी। इससे अनुराधापुरा और पोलोन्नारुवा जैसे विस्तृत मंदिर परिसरों का निर्माण हुआ, जो आज भी श्रीलंकाई लोगों के लिए महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक केंद्रों के रूप में काम करते हैं।

    सदियों से, श्रीलंका डच, पुर्तगाली और ब्रिटिश सहित विभिन्न विदेशी शक्तियों द्वारा उपनिवेशित था। अंग्रेजों ने अंततः 19वीं शताब्दी में द्वीप पर नियंत्रण हासिल कर लिया और 1948 में श्रीलंका को स्वतंत्रता मिलने तक शासन किया।

    श्रीलंका की सांस्कृतिक विरासत और विविध भूगोल इसे एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बनाते हैं। इसके आश्चर्यजनक समुद्र तट, हरे-भरे जंगल और सुरम्य चाय के बागान हर साल लाखों पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। इसके अतिरिक्त, श्रीलंका अपने रत्नों के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें नीलम और माणिक शामिल हैं, और यह दुनिया के सबसे बड़े चाय उत्पादकों में से एक है।
    आज, श्रीलंका एक अद्वितीय इतिहास और उज्ज्वल भविष्य के साथ एक संपन्न, विविध और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध राष्ट्र के रूप में खड़ा है। इसके लोग विज्ञान, कला, राजनीति और साहित्य जैसे विविध क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देना जारी रखते हैं, और द्वीप क्षेत्रीय और वैश्विक मामलों में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बना हुआ है।

    श्रीलंका भारत से क्या आयात करता है?


    श्रीलंका भारत से माल का एक महत्वपूर्ण आयातक है। द्वीप राष्ट्र उत्तर में अपने पड़ोसी देशों से विद्युत मशीनरी, कपास, पेट्रोलियम तेल, दवा उत्पाद और वाहनों जैसे उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला का आयात करता है। जबकि भारत अपने उत्पादों को कई देशों में निर्यात करता है, हिंद महासागर में अपने रणनीतिक स्थान के कारण श्रीलंका दक्षिण एशियाई दिग्गज के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार है।

    कंप्यूटर, सेल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामानों सहित विद्युत मशीनरी, श्रीलंका के लिए भारत से सबसे महत्वपूर्ण आयातों में से एक है। भारत का एक संपन्न इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग है, और श्रीलंका को इसके उन्नत और लागत प्रभावी उत्पादों से लाभ होता है। कपास एक अन्य महत्वपूर्ण वस्तु है जिसे श्रीलंका भारत से आयात करता है। कपास उद्योग भारत में अच्छी तरह से स्थापित है, और श्रीलंका के कपड़ा निर्माता वस्त्र और अन्य कपड़ा उत्पादों के उत्पादन के लिए इस कच्चे माल पर बहुत अधिक निर्भर हैं।

    पेट्रोलियम तेल भी भारत से श्रीलंका के लिए महत्वपूर्ण आयात हैं। अपने सीमित ऊर्जा संसाधनों को देखते हुए, श्रीलंका को अपने घरेलू उपभोग के लिए बड़ी मात्रा में तेल की आवश्यकता है। भारत वैश्विक स्तर पर सबसे बड़े तेल उत्पादकों में से एक है और श्रीलंका सहित पड़ोसी देशों को काफी मात्रा में कच्चे तेल का निर्यात करता है।

    फार्मास्युटिकल उत्पाद श्रीलंका के लिए भारत से आयात की एक अन्य आवश्यक श्रेणी है। भारत दुनिया के कुछ सबसे बड़े दवा निर्माताओं का घर है जो अपने अंतरराष्ट्रीय समकक्षों की तुलना में कम कीमत पर उच्च गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाओं का उत्पादन करते हैं। इसके परिणामस्वरूप श्रीलंका सहित दुनिया भर से इन दवाओं की मांग बढ़ी है।

    वाहन और वाहन के पुर्जे भी भारत से श्रीलंका के लिए महत्वपूर्ण आयातों में से हैं। भारतीय ऑटोमोटिव निर्माताओं ने किफायती मूल्य पर उच्च गुणवत्ता वाले वाहनों और कार के पुर्जों का उत्पादन करने के लिए प्रतिष्ठा प्राप्त की है, जिससे वे श्रीलंकाई उपभोक्ताओं के बीच लोकप्रिय हो गए हैं।

    अंत में, भारत से श्रीलंका का आयात विविध है, जिसमें प्रमुख उत्पाद जैसे विद्युत मशीनरी, कपास, पेट्रोलियम तेल, फार्मास्यूटिकल्स और वाहन व्यापार पर हावी हैं। इन उत्पादों के लिए श्रीलंका की भारत पर निर्भरता दोनों पड़ोसी देशों के बीच मजबूत आर्थिक संबंधों को दर्शाती है।

    श्रीलंका की वित्तीय स्थिति:-


    एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था है, जिसकी जीडीपी विकास दर हाल के वर्षों में औसतन 5% रही है। देश के मुख्य उद्योगों में पर्यटन, चाय और रबर उत्पादन और वस्त्र निर्माण शामिल हैं। COVID-19 महामारी के प्रभाव के बावजूद, जिसने एक अस्थायी आर्थिक मंदी का कारण बना, श्रीलंका ने लचीलापन दिखाया है और निकट भविष्य में वापस उछाल का अनुमान है।

    विदेशी निवेश को आकर्षित करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों के तहत, श्रीलंका ने कई संरचनात्मक सुधारों को लागू किया है, जिसमें सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन में सुधार, व्यापार नियमों को सरल बनाना और कर प्रणाली का आधुनिकीकरण शामिल है। देश ने व्यापार और निवेश को और बढ़ावा देने के लिए क्षेत्र और उससे आगे के अन्य देशों के साथ कई मुक्त व्यापार समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए हैं।

    अपनी दीर्घकालिक विकास योजना के अनुरूप, श्रीलंका ने निवेश के लिए कई प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की है, जिनमें सूचना प्रौद्योगिकी, बंदरगाह और हवाई अड्डे, नवीकरणीय ऊर्जा और विनिर्माण शामिल हैं। सरकार ने देश में व्यवसाय स्थापित करने के लिए विदेशी निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए कर अवकाश और शुल्क मुक्त आयात सुविधाओं जैसी कई प्रोत्साहन योजनाएं भी स्थापित की हैं।

    कुल मिलाकर, श्रीलंका की वित्तीय स्थिति एक उभरते बाजार में विकास क्षमता चाहने वाले निवेशकों के लिए अवसरों की एक श्रृंखला प्रस्तुत करती है। अपने रणनीतिक स्थान, अनुकूल व्यावसायिक माहौल और कुशल कार्यबल के साथ, देश व्यापक क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने के लिए अच्छी स्थिति में है।

    Q&A:-


    1. श्रीलंका की राजधानी क्या है?
    ऊ: श्रीलंका की राजधानी कोलंबो है, जो देश का सबसे बड़ा शहर भी है। यह आधुनिक और औपनिवेशिक वास्तुकला के मिश्रण वाला एक हलचल भरा महानगर है।

    2. श्रीलंका में लोग कौन सी भाषा बोलते हैं?
    ऊ: श्रीलंका की आधिकारिक भाषाएं सिंहली और तमिल हैं, लेकिन कई लोग दूसरी या तीसरी भाषा के रूप में अंग्रेजी भी बोलते हैं। इससे पर्यटकों को स्थानीय लोगों से संवाद करने में आसानी होती है।

    3. श्रीलंका में मौसम कैसा है?
    ए: श्रीलंका में पूरे वर्ष 26-33 डिग्री सेल्सियस (79-91 डिग्री फारेनहाइट) से लेकर उच्च आर्द्रता और तापमान के साथ एक उष्णकटिबंधीय जलवायु है। मानसून का मौसम मई से सितंबर तक चलता है और भारी बारिश और बाढ़ ला सकता है।

    4. श्रीलंका में कुछ दर्शनीय पर्यटन स्थल कौन से हैं?
    ए: श्रीलंका के कुछ लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में अनुराधापुरा का प्राचीन शहर, प्रसिद्ध सिगिरिया रॉक किला, नुवारा एलिया में चाय के बागान और मिरिसा और उनातुना के समुद्र तट शामिल हैं।

    5.  श्रीलंका किस लिए जाना जाता है?
    ए: श्रीलंका अपने समुद्र तटों, पहाड़ों और हरे-भरे वर्षावनों सहित अपनी आश्चर्यजनक प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। यह देश अपने चाय उद्योग के लिए भी प्रसिद्ध है, जो दुनिया की कुछ बेहतरीन चाय का उत्पादन करता है, और इसका समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक विरासत है।

    6. भारत और श्रीलंका के बीच संबंधों की वर्तमान स्थिति क्या है?
    उत्तर: भारत और श्रीलंका दोनों देशों के नियमित उच्च-स्तरीय यात्राओं, व्यापार, सैन्य सहयोग और लोगों से लोगों के बीच संपर्क के साथ मजबूत और जीवंत संबंध साझा करते हैं।

    7. भारत-श्रीलंका संबंधों में प्रमुख मुद्दे क्या हैं?
    उत्तर: कुछ प्रमुख मुद्दों में तमिल शरणार्थियों का पुनर्वास, पाक जलडमरूमध्य में मछली पकड़ने का अधिकार और श्रीलंका में भारतीय निवेश का प्रश्न शामिल हैं।

    8. भारत और श्रीलंका ने सुरक्षा के मुद्दों पर किस प्रकार सहयोग किया है?
    उत्तर: भारत और श्रीलंका ने आतंकवाद, समुद्री डकैती और अन्य समुद्री खतरों के खिलाफ अपनी लड़ाई में श्रीलंका को सहायता प्रदान करने के साथ सुरक्षा मुद्दों पर बड़े पैमाने पर सहयोग किया है।

    9. भारत और श्रीलंका के बीच और आर्थिक सहयोग की क्या संभावना है?
    उत्तर: भारत और श्रीलंका पहले ही आर्थिक सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से कई द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर कर चुके हैं, जिसमें व्यापार, निवेश और बुनियादी ढांचे के विकास जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

    10. भारत-श्रीलंका संबंधों में बौद्ध धर्म की क्या भूमिका है?
    उत्तर: बौद्ध धर्म भारत और श्रीलंका दोनों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, दोनों देश सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों को साझा करते हैं। भारत ने श्रीलंका में बौद्ध बुनियादी ढांचे के विकास का समर्थन किया है, जबकि श्रीलंका ने बदले में भारत में बौद्ध स्थलों पर पर्यटन को बढ़ावा दिया है।

    11.  क्या श्रीलंका कभी भारत का अंग था?
    ऊ: नहीं, श्रीलंका कभी भी भारत का हिस्सा नहीं था, हालांकि यह भारतीय तट के करीब है।

    12. श्रीलंका कभी भारत का हिस्सा क्यों नहीं बना?
    ऊ: श्रीलंका की एक विशिष्ट संस्कृति, भाषा और धर्म था जो इसे भारत से अलग करता था, और इसका अपना जटिल भू-राजनीतिक इतिहास था।

    13. क्या कभी श्रीलंका को भारत में मिलाने का प्रयास किया गया था?
    ऊ: हां, भारत ने कई बार श्रीलंका पर प्रभाव डालने का प्रयास किया है, लेकिन इसे हमेशा श्रीलंकाई लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा है।

    14. ब्रिटिश उपनिवेशीकरण ने भारत और श्रीलंका के बीच संबंधों को कैसे प्रभावित किया?
    ऊ: भारत के विपरीत, श्रीलंका कभी भी अंग्रेजों द्वारा सीधे उपनिवेश नहीं था, और इसने इसे सांस्कृतिक और राजनीतिक रूप से भारत से अलग रखने में मदद की।

    15. क्या आज श्रीलंका का भारत के साथ कोई महत्वपूर्ण संबंध है?
    ऊ: हां, श्रीलंका और भारत के बीच घनिष्ठ राजनयिक और आर्थिक संबंध हैं, लेकिन श्रीलंका अपना स्वतंत्र राष्ट्र बना हुआ है।

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