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Hiroshima and Nagasaki/bombing,facts,after effects,summary

REALTY OF HIROSHIMA AND NAGASAKI 


Hiroshima and Nagasaki/bombing,facts,after effects,summary
HIROSHIMA AND NAGASAKI 


    अमेरिका ने हिरोशिमा और नागासाकी को क्यों नष्ट किया?

    6 ऑगस्ट 1945 जापान की हिरोशिमा शहर में गर्मियों का मौसम था सुहाना दिन था नीला आसमान था सोमवार की सुबह का दिन था सुबह के 8:00 बजे लोग अपने काम पर और बच्चे अपने स्कूल में गए थे। उसी वक्त आसमान मैं कुछ लोगों को अमेरिका का Boeing B-29 विमान दिखाई देता है। ठीक 8:15 मिनट पर उस विमान से कुछ नीचे गिरता हुआ दिखता है। लेकिन लोग साफ तरीके से नहीं देख सकते थे कि वो नीचे चीज़ गिरने वाली क्या है? उन लोगों ने सपने में भी सोचा नहीं होगा कि वो नीचे गिरने वाली चीज़ एटॉमिक बॉम है। उसके बाद कुछ ही मिनटों में सबकुछ खत्म। शहर में मौजूद हजारों लोगों को अपने आखरी समय में बहुत तेज रौशनी चमकती हुई दिखती है। बम के धमाके से आसमान में मशरूम की तरह बहुत तेज उजाला फैलता है। उस जगह का तापमान 4000°c तक पहुँच जाता है। पल भर में 80,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है। ये सब कुछ सुन कर आपके मन में सवाल उठ रहा होगा की आखिर क्यों गिराया गया यह बम? क्या कारण था इसके पीछे? आइये आज के इस आर्टिकल में समझते हैं Hiroshima and Nagasaki पर गिराये गये Atomic bombs की कहाणी.

    Axis power and Allied power:-



    हमारी कहाणी की शुरुआत होती है world War 2 से ये युद्ध शुरू हुआ साल 1939 में जब ADOLF Hitler ने Poland देशपर आक्रमण किया बाद में एक एक करके कई देश इस युद्ध में जुड़ते गए world War 2 दो बडी Aliances के बिच मे लड़ा गया एक तरफ थे Nazi Germany, Italy, and japan इन्हें Axis power कहीं के बुलाया जाता है। और दूसरी तरफ थे Great Britain, The Soviet union और United states इन्हें Allied Power कहा जाता है। Allied के साथ France और china जैसे देश भी जुड़े हुए थे अमेरिका शुरुआत में पूरी तरह से कोशिश कर रहा था कि वो इस युद्ध में शामिल न हों पहले विश्वयुद्ध के बेकार अनुभव के बाद अमेरिका ने सोचा था कि यूरोपीय एशिया में चाहे जो कुछ भी हो मुझे इस चीज़ से हाथ दूर रखने है।

    जापान का साम्राज्यवाद :-


    यहाँ पर जापान के प्रसंग से समझना बहुत जरूरी है क्योंकि जब भी वर्ल्ड वॉर टू की बात होती है तब सबसे ज्यादा हम हिटलर और जर्मनी के ऊपर ही सबसे ज्यादा फोकस करते है जापान की ज्यादा बात नहीं करते असल में बात क्या है साल 1900 के शुरुआत में जापान में भी साम्राज्यवाद देखने को मिल रहा था ठीक उसी तरह जैसे ब्रिटेन, फ्रांस और बाकी यूरोपियन देश बाकी देशों पर कब्जा कर रहे थे यही चीज़ जापान भी कर रहा था भारत जैसी ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा था।


    वैसे ही साल 1940 तक जापान के अंदर Indonesia, Myanmar, Cambodia, Laos, south korea, North Korea, china के Eastern कुच जगह इन सारे देशों पर Japanese Empire का कब्जा था ये जापानी उपनिवेशवादी बात करते थे ग्रेट एशिया की यहाँ पर एक ऐसा एशिया बनाएंगे जो यूनाइटेड हो लेकिन सब कहने की बातें हे ये बाकी देशों की तरह जमीनों पर कब्जा करते थे और संसाधनों का पता लगाने के लिए ताकि इनको मुनाफा मिल सके। सबसे बड़ा विस्तार इन्होंने किया था साल 1931 मे Northern china मे था Manchuria कर के वहाँ पर उन्होंने कब्जा जमाया उत्तर में उनकी रणनीति थी कि वह से आगे जाकर Mongolia देश पर Soviet union के कुच देशोपर कब्जा करेगे दक्षिण में इनकी रणनीति थी कि Vietnam, Laos, और Cambodia देशों पर कब्जा करना दक्षिण में बात ये है।



     कि आजके जो देश है Vietnam, Cambodia के उस वक्त French empire का हिस थे इन्हे French indo-china कहा जाता था अगर जापान इन पर पर कब्जा करना चाहता था तो इन्हें फ़्रेंच साम्राज्य को हराना पड़ता है। साल 1940 में यही हुआ फ़्रांस के साथ युद्ध छेड़ दी और उन पर कब्जा कर लिया गया। अब ये करने से जापान दूसरे विश्व युद्ध का हिस्सेदार बन गया अमेरिका ने देखा कि एक तरफ़ा हिटलर यूरोप में एक के बाद एक देश के साथ जंग छेड़ रहा है और उस पर कब्जा कर रहा है। दूसरी तरफ एशिया में जापान यही चीज़ कर रहा है।

    अमेरिका की जापान पर पाबंदी:-



     अमेरिका युद्ध में शामिल तो नहीं होना चाहता था लेकिन यहाँ पर कुछ करना चाहता था इन दोनों को रोकने के लिए। तो इसके बाद अमेरिका cooper, iran,still इन्हे जापान को भेजना बंद कर देता है। उम्मीद थी कि इस चीज़ से जापान शांत हो जाएगा लेकिन ऐसा होता नहीं बाद में फिर अमेरिका जापान को तेल बेचना बंद कर देता है उस वक्त जापान के लिए तेल बहुत इम्पोर्टेन्ट था और 80% तेल जापान का अमेरिका से आता था। अमेरिका ने कहा है कि हम एक ही शर्त पर तुम्हें तेल बेचना शुरू कर देते हैं। तुमने जो है चाइना के कुच इलाको पर जो कब्जा किया हे तुमे वहा से निकलना होगा जर्मनी और इटली के साथ अपना गठबंधन तोड़ो लेकिन जापान ऐसा करता नहीं।


     इन्होंने देखा कि जो मलेशिया और इंडोनेशिया के देशों में तेल और बाकी संसाधन मिलते हैं क्यों ना इन्ही देशों पर कब्जा किया जाए? तब इंडोनेशिया डच साम्राज्य के कंट्रोल में था और मलेशिया ब्रिटिश के कंट्रोल में था। ब्रिटिश और। डच ये दोनों अमेरिका के गठबंधन साथी थे अगर इन पर हमला किया जाएं तो अमेरिका चुप नहीं रहेंगे। अमेरिका हमारे ऊपर हमला कर देगा अमेरिका हम पर पहला हमला कर दे उससे पहले हम जाकर अमेरिका के देश पर हमला कर देते हैं। इसी सोच के साथ जैपनीज एंपायर अमेरिका पर।

    pearl Harbour base attack:-




    7 दिसंबर 1941 को जापान United states के pearl Harbour base पर बिना चेतावणी के हम्ला कर देता हे।

    7 दिसंबर, 1941 को हमेशा याद किया जाएगा क्योंकि हवाई में pearl Harbour base पर जापान द्वारा हमला किया गया था, जिसने संयुक्त राज्य अमेरिका को द्वितीय विश्व युद्ध में खींच लिया था। 2,400 से अधिक अमेरिकी मारे गए, और यूएस पैसिफिक फ्लीट गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गया।

    पर्ल हार्बर पर हमला युद्ध में एक महत्वपूर्ण मोड़ था, और इसने अगस्त 1945 में Hiroshima and Nagasaki के जापानी शहरों पर परमाणु बमों के उपयोग सहित अमेरिका द्वारा कई जवाबी बमबारी की। बम विस्फोट एक विनाशकारी झटका था। जापान के लिए, उनके आत्मसमर्पण और युद्ध के अंत के लिए अग्रणी।

    Hiroshima and Nagasaki पर परमाणु बमों का प्रयोग आज भी विवादास्पद बना हुआ है। बमों ने 200,000 से अधिक लोगों को मार डाला और इस क्षेत्र पर एक स्थायी प्रभाव छोड़ा। जबकि कुछ का तर्क है कि बम विस्फोट युद्ध को जल्दी से समाप्त करने और अमेरिकी जीवन को बचाने के लिए आवश्यक थे, दूसरों का मानना ​​है कि यह एक युद्ध अपराध था जिसे कभी भी दोहराया नहीं जाना चाहिए।

    बम विस्फोटों पर किसी के रुख के बावजूद, पर्ल हार्बर पर हमला और जापान पर परमाणु बमों का प्रयोग विश्व इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाएं हैं। वे हमें युद्ध की भयावहता और संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान खोजने के महत्व की याद दिलाते हैं। आइए हम हमेशा अतीत की सीखों को याद रखें और एक उज्जवल भविष्य की दिशा में काम करें।

       उसके कुछ ही घंटों के बाद जापान जाकर फिलीपींस पर कब्जा जमा लेता है। जापान का बड़ा ही गलत फ़ैसला था ।


    अमेरिका की युद्ध घोषना:-



    अमेरिका इसके जवाब में आधिकारिक तौर पर कहेता है। कि वो भी इस युद्ध का हिस्सा होने जा रहा है. और जापान के खिलाफ़ अमेरिकी जंग छेड़ देता है। यही समय था जब अमेरिका आधिकारिक तौर पर युद्ध में शामिल हो गया था। उसके बाद ब्रिटेन और चाइना भी जापान के खिलाफ़ जंग छेड़ देते हैं। ऐसा देख नाजी जर्मनी और इटली अमेरिका के खिलाफ़ जंग छेड़ देते हैं साल में 1941 तक दूसरा विश्वयुद्ध बड़ी तेजी से चल रहा था। उसके बाद साल 1940 तक इटली हार मान लेता है।



     30 अप्रैल 1945 को Hitler अपने आप की गोली मारकर सुसाइड कर लेता है। उसके बाद जर्मनी भी हार मान लेता है। आब Axis power मे japan बचता हे जो की हार नही मानता है। 


    Kamikaze pilots :-



    बाद में जैपनीज लोगों को ब्रेन वॉश किया गया सुनियोजित आत्मघाती हमला के लिये तब जापान के एयर फोर्स मे एक स्पेशल फोर्स बनाते हे जिसे kamikaze कहा जाता हे।

    kamikaze पायलट जापानी सैनिकों का एक उच्च प्रशिक्षित और समर्पित समूह था जिन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अपनी अत्यधिक बहादुरी और निस्वार्थता के लिए जाने जाने वाले, ये कामिकेज़ पायलट दुश्मन के ठिकानों को अधिकतम नुकसान पहुँचाने के लिए आत्मघाती मिशन में लगे हुए हैं। जबकि युद्ध के दौरान कामिकेज़ रणनीति का उपयोग व्यापक था, हिरोशिमा और नागासाकी की बमबारी पर उनका प्रभाव अभी भी सैन्य इतिहासकारों के बीच बहस का विषय है।

    युद्ध के प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के बावजूद, जापानी समाज में कई लोगों द्वारा kamikaze पायलटों को हेय दृष्टि से देखा जाता था। अक्सर युद्ध में खर्च करने योग्य प्यादों के रूप में देखे जाने पर, इन पायलटों को व्यय योग्य महसूस कराया जाता था और उनके वरिष्ठों द्वारा तिरस्कार के साथ व्यवहार किया जाता था। Hiroshima and Nagasaki की बमबारी के बाद ही इन बहादुर सैनिकों की जनता की धारणा बदली। अचानक, उनकी निःस्वार्थता और पूर्ण समर्पण शेष विश्व को दिखाई देने लगा।

    जबकि कुछ लोग यह तर्क दे सकते हैं कि kamikaze रणनीति अमानवीय और हताशा का संकेत थी, उन्होंने युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका मिशन जितना संभव हो उतने दुश्मन के ठिकानों को नष्ट करना और अपने विरोधियों के मन में अराजकता पैदा करना था। यह रणनीति अविश्वसनीय रूप से प्रभावी थी, और इतिहास ने बार-बार आत्मघाती पायलटों की सफलताओं का प्रदर्शन किया है।

    Hiroshima and Nagasaki की परमाणु बमबारी आधुनिक इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है। जबकि कामिकेज़ पायलटों ने निश्चित रूप से युद्ध में भूमिका निभाई थी, वे इन बम विस्फोटों में शामिल नहीं थे। इन दोनों शहरों पर परमाणु हथियारों का उपयोग करने का निर्णय संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा किया गया था, और इस निर्णय की नैतिकता पर बहस आज भी जारी है।

    अंत में,kamikaze पायलटों ने द्वितीय विश्व युद्ध में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, और उनकी बहादुरी और समर्पण को भुलाया नहीं जाना चाहिए। हालांकि उनकी रणनीति विवादास्पद रही होगी, लेकिन उनके बलिदानों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। Hiroshima and Nagasaki की बमबारी विश्व इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना बनी हुई है, और यह तय करना प्रत्येक व्यक्ति पर निर्भर है कि परमाणु हथियारों का उपयोग उचित था या नहीं।

     ये ओ पायलट थे जो की ओ अपने फायटर जेट मे बेटेगे और दुश्मन की वार शिप्स पर क्रैश कर देंगे सिंपल भाषा में कहा जाए तो चलता फिरता सुसाइड बॉम्ब थे अमेरिका और बाकी देशों को ये उम्मीद थी कि जापान में भूक मारी के कारण वहाँ की जनता अपने साम्राज्य के नेतृत्व के ऊपर विद्रोह कर देंगी और यह युद्ध रोकने के लिए कहेंगे लेकिन ऐसा कभी हुआ नहीं अमेरिका देखता है।


    Operation Downfall:-



    अभी एक ही रास्ता बचा है full-scale invasion किया जाये जापाण पे मतलब अपने सैनिक को भेजे वहा पर ऑन ग्राउंड जाकर जो अपनी साम्राज्य को वहाँ से निकाल दे इस इसलिए अमेरिकी नीती रचता है Operation Downfall जापाण और अमेरिका के बीच आखिरी बड़ी लड़ाई जाती है The Battle of okinawa 1 अप्रैल 1945 और 22 जून 1945 के बिच मे बड़ी मशक्कत के बाद अमेरिका सको यहाँ पर जीत मिलती है। 



    लेकिन बड़ी कीमत अमेरिका को यहाँ पर चुकानी पड़ती है अमेरिका के 12,000 सैनिक यहाँ पर शहीद हों जाते हैं। 50000 से ज्यादा सैनिक घायल हो गए 1,00,000 जापानी सैनिक मारे गए okinawa आइलैंड पर जो लोग रहते थे 1,00,000 से ज्यादा लोगों की मौत होती है। यही समझकर अमेरिका के बड़े ऑफिसरों ने कहा की ऐसा हमारा ऑपरेशन काम नहीं करेंगे।


    राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट की म्रुत्यु:-



    12 अप्रैल 1945 को us के president Franklin D Roosevelt जो की काफी समय से प्रेसिडेंट रहे थे दूसरे विश्वयुद्ध के बीच में गुजर जाते हैं। और वहाँ के वॉइस प्रेसिडेंट Harry Truman नए प्रेसिडेंट बन जाते हैं। अमेरिका के जापान के बीज ये बहुत सारी कोशिशे करते हैं। की युद्ध रुक जाए लेकिन इनको जीत हासिल नहीं होती इसी समय इन्हें पता चलाता हे खुफिया मिलिट्री प्रोजेक्ट के बारे में


    Manhattan project:-


     

    Manhattan project जहाँ पर बहुत सारे वैज्ञानिक काम कर रहे थे एटॉम बॉम्ब बनाने का 16 जुलाई 1945 को ओ टेस्ट करते हे New Mexico मे और ये टेस्ट यशस्वी रहता हे प्रेसिडेंट को लगता हे की उन्हे अपना सॉल्यूशन मिल गया हे प्रेसिडेंट अपने बाकी बडे ऑफिसर के सात बैठक करे डिस्कशन करते हैं कि कैसे हम इस बम को गिराएंगे ये फैसला करते हैं कि गिराने से पहले उसका एक और वॉर्निंग दी जाए।



    26 जुलाई 1945 को potsdam Declaration अमेरिका की प्रेसिडेंट, चाइना के प्रेसिडेंट और ग्रेट ब्रिटेन के प्राइम मिनिस्टर साथ मिलकर आते हैं बिना शर्त समर्पण की मांग करते है जापान से ये चेतावनी देते हे की आगर जापान आत्मसमर्पण नही कर्ता हे तो इसका नतिजा होगा पूरी तरीकेसे तबाही. जपानी लोगोने सपनेमे भी नही सोच था आइटम बॉम्ब जेसी चीज होती हे जैपनीज़ कुछ शर्तों पर आत्मसमर्पण करने को तैयार था लेकिन अमेरिका उनके किसी भी शर्त को मानने को तैयार नहीं था तो 29 जुलाई 1945 को जापान ने इस प्रस्ताव को रद्द कर दिया। उसके बाद 3 ऑगस्ट 1945 को अमेरिका ने कहा है कि ये एटम बम गिराया जाएगा जापान के ऊपर।


    पहिला बॉम्ब हिरोशिमा पर गिराया:-



    6 औगस्त 1945 को Boeing B-29 विमान Hiroshima शहर के उपर से गुजर्ता हे इस विमान मे रखा हे LITTLE BOY ATOM BOMB 8:15 मीनट पर ये बॉम्ब हिरोशिमा पर गिरया जाता हे।



     और अमेरिका दुनिया के इतिहास में पहला और आखरी देश बन जाता है Atom bomb इस्तेमाल करने वाला जो इस बमबारी में बाल-बाल बचे ओ कहते हे उन्हे पहिले तेज रौशनी चमकते हुई दिखी बहुत्से लोग आन्धे हो गये उसके बाद जोरदार आवाज आई इसकी वजह से कई लोगोको सुनाई देता उसके बाद 4000°c तापमान की वजह से लोग वाष्पीकृत हो गये ये इतना जल्दी हुआ की लोगो की शैडो रह गई जमीन पर जिसे आज भी देख सक्ते हे वहा पर।



     कुच मीनट बाद जब हवा शान्त हुई तब लोगोने देखा आसमान मे काला धुआ दिखाई दिया लोगो को 70%बिल्डींग हिरोशिमा पूरी तरह से खत्म हो गई 90% हॉस्पिटल के वर्कर खत्म हो गए थे। 


    दुसरा बॉम्ब नागासाकी पर गिराया:-


    इतना होने के बावजूद जापानी साम्राज्य आत्मसमर्पण करने के लिए तैयार नहीं था। इसके प्रति सात में अमेरिका ने 9 औगस्त 1945 को अमेरिका एक और आइटम बॉम गिरा देता है Nagasaki मे सुबह के ठीक 11:00 बजे Boeing B-29 विमान जाता है Nagasaki मे इस बार ये पहिले बॉम्ब से जादा बडा बॉम्ब होता हे जिसक नाम हे Fatman इस बॉम्ब धमाके से 40000 से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है। 7 स्क्वेयर किलोमीटर तक का शहर मिट्टी में मिल जाता है। इन दोनों बम के धमाके से 2,00,000 से ज्यादा लोग मारे जाते हैं और ये सब आम आदमी थे। 


    जापान का आत्मसमर्पण:-



     इसके बाद जापान सुप्रीम कौंसिल से मिलता है आत्मसमर्पण के मामले में बात करने के लिए इसके बाद जापान आत्मसमर्पण कर देता है। इसके बाद साल 15 औगस्त 1945 को दूसरा विश्व युद्ध खत्म होता है। इसके बाद अमेरिका पर बहुत सारे सवाल भी खड़े हुए 


    हिरोशिमा और नागासाकी को कैसे चुना गया?


    1945 के अगस्त में, जापान में Hiroshima and Nagasaki  पर दो परमाणु बम गिराए गए, जिसके परिणामस्वरूप 200,000 से अधिक लोग मारे गए और अंततः द्वितीय विश्व युद्ध के अंत की ओर अग्रसर हुए। लेकिन बम विस्फोटों के लिए इन खास शहरों को कैसे चुना गया?

    सबसे पहले, Hiroshima and Nagasaki  दोनों को महत्वपूर्ण सैन्य और औद्योगिक लक्ष्य माना जाता था। हिरोशिमा एक प्रमुख जापानी सैन्य केंद्र और कई सैन्य कारखानों का घर था। नागासाकी, जबकि सैन्य रूप से उतना महत्वपूर्ण नहीं था, एक बड़े शिपयार्ड का घर था जो जापानी नौसेना के लिए युद्धपोतों और अन्य जहाजों का उत्पादन करता था।

    दूसरे, दोनों शहर पूर्व बमबारी अभियानों से काफी हद तक अछूते थे, जिससे वे नए विकसित परमाणु बमों के लिए उपयुक्त परीक्षण आधार बन गए। ऐसा माना जाता था कि इससे अमेरिकी सेना को बमों की विनाशकारी शक्ति और क्षमता का बेहतर आकलन करने में मदद मिलेगी।

    अंत में, दो शहरों को चुना गया क्योंकि वे दोनों भारी आबादी वाले क्षेत्रों में स्थित थे, जो बम विस्फोटों के प्रभाव को अधिकतम करेंगे और जापानी सरकार और लोगों को एक स्पष्ट संदेश भेजेंगे।

    बम विस्फोटों के विवाद के बावजूद, Hiroshima and Nagasaki  को लक्षित करने का निर्णय अंततः जापान के आत्मसमर्पण और द्वितीय विश्व युद्ध के निष्कर्ष के बारे में लाया।


    Hiroshima and Nagasaki का पुनर्निर्माण:-



    Hiroshima and Nagasaki शहर थे जो परमाणु बमबारी से बुरी तरह प्रभावित हुए थे। इन शहरों का पुनर्निर्माण करने के लिए, उन्हें हुए नुकसान की जांच करना और पुनर्निर्माण की योजना तैयार करना महत्वपूर्ण है।

    Hiroshima and Nagasaki  का पुनर्निर्माण एक कठिन कार्य था जिसमें कई व्यक्तियों और संगठनों के प्रयास शामिल थे। बम ने इन शहरों के बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया था, जिससे बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान हुआ था।

    इन शहरों के पुनर्निर्माण के लिए, एक व्यापक योजना विकसित करना आवश्यक था जो पुनर्निर्माण के सभी पहलुओं को संबोधित करे, जैसे स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और बुनियादी सुविधाओं का प्रावधान। इसके अलावा, शहर के योजनाकारों को उपलब्ध संसाधनों का कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से उपयोग करने के तरीकों की तलाश करनी थी, साथ ही भविष्य की आपदाओं का सामना करने वाली लचीली संरचनाओं के निर्माण की आवश्यकता को भी ध्यान में रखना था।

    Hiroshima and Nagasaki  की पुनर्निर्माण प्रक्रिया धीमी और कठिन थी, लेकिन इसमें शामिल सभी पक्षों के दृढ़ प्रयासों के कारण अंततः इन शहरों का पुनर्जन्म हुआ। आज, शहर विपरीत परिस्थितियों का सामना करने के लिए शांति, लचीलापन और दृढ़ संकल्प के प्रतीक के रूप में खड़े हैं।

    अंत में, Hiroshima and Nagasaki  का पुनर्निर्माण एक स्मारकीय उपक्रम था जिसके लिए जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों के ठोस प्रयासों की आवश्यकता थी। इन शहरों का सफल पुनर्निर्माण उनके लोगों के लचीलेपन और दृढ़ संकल्प का एक वसीयतनामा है, और स्थायी शांति की आवश्यकता और परमाणु बमबारी जैसी भविष्य की त्रासदियों को टालने के महत्व की याद दिलाता है।

    Q&A:-


    1. प्रश्न: हिरोशिमा और नागासाकी पर बमबारी कब हुई थी?
    उ : द्वितीय विश्व युद्ध के अंत की ओर अगस्त 1945 में बमबारी हुई थी।

    2. प्रश्न: हिरोशिमा और नागासाकी पर बमबारी को क्यों उचित ठहराया गया?
    उ : बमबारी को इस विश्वास से उचित ठहराया गया था कि वे युद्ध को जल्दी खत्म कर देंगे और लंबे समय में अधिक जीवन बचाएंगे।

    3. प्रश्नः हिरोशिमा और नागासाकी के बम विस्फोटों में कितने लोगों की मृत्यु हुई थी?
    ऊ: यह अनुमान लगाया गया है कि बम विस्फोटों में लगभग 140,000 लोग मारे गए थे, जिनमें तत्काल और दीर्घकालिक हताहत दोनों शामिल थे।

    4. प्रश्न: हिरोशिमा और नागासाकी की बमबारी ने युद्ध के बाद की जापानी राजनीति को कैसे प्रभावित किया?
    ऊ: बम विस्फोटों ने जापानी राजनीति में शांतिवाद और एक मजबूत परमाणु-विरोधी हथियार रुख की ओर बदलाव किया।

    5. प्रश्न: हिरोशिमा और नागासाकी पर बमबारी का आदेश किसने दिया था?
    उ: राष्ट्रपति हैरी एस. ट्रूमैन ने युद्ध को समाप्त करने और दुनिया में अमेरिकी शक्ति का दावा करने के तरीके के रूप में बम विस्फोटों का आदेश दिया।

    6. हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिराने के क्या कारण थे?
    उत्तर: बमबारी द्वितीय विश्व युद्ध को समाप्त करने के लिए की गई थी, जो अपने अंतिम चरण में था। जापान को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर करने के लिए विनाशकारी हमलों को एक आवश्यक उपाय के रूप में देखा गया था।

    7. हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बमबारी का क्या प्रभाव पड़ा?
    उत्तर: विस्फोटों के परिणामस्वरूप 200,000 से अधिक लोग मारे गए, जिनमें वे लोग भी शामिल थे जो तुरंत मर गए और जो बाद में विकिरण बीमारी से पीड़ित हुए। बम विस्फोटों ने बुनियादी ढांचे को काफी नुकसान पहुंचाया और शहरों को बर्बाद कर दिया।

    8. क्या परमाणु बम विस्फोटों की कोई अंतर्राष्ट्रीय निंदा या औचित्य था?
    उत्तर: अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा बम विस्फोटों की व्यापक रूप से आलोचना की गई, जिसमें कई लोगों ने परमाणु हथियारों के उपयोग की निंदा की। हालांकि, कुछ लोगों का तर्क है कि बम विस्फोट उचित थे क्योंकि उन्होंने युद्ध को तेजी से समाप्त करने में मदद की और अनगिनत लोगों की जान बचाई जो जापान के आक्रमण में खो गए होते।

    9. जापान के लोगों पर परमाणु बमबारी के दीर्घकालिक प्रभाव क्या थे?
    उत्तर: परमाणु बम विस्फोटों से बचे हुए कई लोग दीर्घकालीन स्वास्थ्य प्रभावों से पीड़ित थे, जिनमें कैंसर और आनुवंशिक उत्परिवर्तन शामिल थे। बम विस्फोटों के मनोवैज्ञानिक आघात ने जापान के लोगों को भी प्रभावित किया, कई लोगों ने तनाव और चिंता के चरम स्तर का अनुभव किया।

    10. परमाणु बम विस्फोटों ने परमाणु हथियारों के प्रति दुनिया की धारणा को कैसे प्रभावित किया?
    उत्तर: परमाणु बम विस्फोटों का परमाणु हथियारों के प्रति दुनिया की धारणा पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा, जिन्हें अविश्वसनीय रूप से विनाशकारी और अत्यधिक पीड़ा देने में सक्षम के रूप में देखा गया था। बम विस्फोटों ने निरस्त्रीकरण और परमाणु युद्ध की रोकथाम की दिशा में अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों को गति दी।

    अगला लेख:-


    1) world war I की पूरी कहानी।


    2) world war II की शुरवात कैसे हुई?


    3) world war II खत्म कैसे हुआ?

    धन्यवाद।

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