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American bank crisis/ Reason,outcome,bank incomes.





सिलिकॉन वैली बैंक क्यों डूब गया?

American bank crisis में  हम देखेंगे कि अमेरिका के दो बड़े बैंक एक थी कैलिफोर्निया Silicon valley bank और दूसरी है न्यूयॉर्क की Signature bank अमेरिका के इतिहास में दूसरी नाकामिनी हे। 


इससे पहले साल 2008 में the Washington mutual bank बैंक का पतन हुआ था वो सबसे बड़ा था। उसके बाद हमें दुनिया भर में मंदी देखने को मिली। लोगों को डर है कि 2008 की तरह इस बार भी आर्थिक मंदी ना आ जाए अगर अमेरिका कि आर्थिक स्तिथि गिर जाती है तो इसका असर बाकी देशो में भी देखने को मिलेग चलो तो फिर देखते हैं कि क्या हुआ है यहाँ पर पूरी जानकारी लेते है।

बैंक पैसा कैसे कमाता है?


पहले इस पूरी स्थिति को समझने के लिए हमें जानना होगा कि बैंक कैसे काम करते हैं। एक आम आदमी के नज़रिए से बैंक होती है जो अपनी सेविंग्स पैसे को संभाल कर रख सकें। हमने जो भी पैसे कमाए हैं हम वो बैंक में जाके जमा कर देते हैं ताकि पैसा सुरक्षित रह सकें। और दूसरी तरफ हम अगर बैंक के नजरिये से देखेंगे तो बैंक यह पर अपना धंधा चला रहे आप जो पैसा बैंक में जमा करते हैं वो बैंक और ज्यादा पैसा कमाना चाहता है खुद के लिए और वो अलग अलग तरीकों से पैसा कमाता है जे सी की दूसरों को लोन देना, शेयर बाजार में, सरकारी बॉन्ड पर, सोना खरीदी पर ऐसे अलग अलग जगहों से पैसा कमाता है। चलो तो फिर हम आते हैं मेन मुद्दे पर ।


Silicon valley bank की स्थापना साल 1983 में हुई थी। Santa Clara,California सिंग इन के मुख्य ऑफिस है। शुरुआती के समय में ये बैंक अपना पैसा कमाने के लिए रियल एस्टेट में पैसे इन्वेस्ट करता था ज्यादा पैसा इस का ईसी तरीके से आता था फिर


 साल 1992 में कैलिफोर्निया का रियल एस्टेट मार्केट गिर जाता है।की वजह से बैंक को 2.2 मिलियंस डॉलर का नुकसान हुआ इसके बाद बैंक को लगा कि हमारा पैसा कई दूसरी जगहों पर भी इन्वेस्ट करना चाहिए आगे के कई सालों में इस बैंक नए स्टार्टअप में इन्वेस्ट करना चालू कर दिया नई टेक्नोलॉजी बेस्ट कंपनी को लोन देता था बैंक साल 2015 तक ये बैंक इतना बड़ा हो गया था की 70% अमेरिकी उन्हें ई सी बैंक से पैसा उठाया था। इसमें कुछ भारत की स्टार्टअप कंपनियां भी शामिल थी।



 साल 2022 तक सबसे बड़ी लोन देने वाली बैंक बन गई थी। तो फिर आखिर क्या कारण था कि ये बैंक डूब गई?
इसकी शुरुआत होती है जब कोरोना आया है तबसे दुनिया भर में जब लॉकडाउन पड़ा था बड़े पैसे वाले लोगों ने सॉफ्टवेयर कंपनी में पैसा इन्वेस्ट करना चालू कर दिया लोगों ने देखा कि जब बाकी सब कुछ बंद हो जाता है तब ये सॉफ्टवेयर कंपनियां जोरों से चलती है। क्योंकि ए कंप्यूटर और मोबाइल से चल रही होती है। अब इतना सारा पैसा इन टेक्नोलॉजी कंपनी वालों के पास है तो ए डिपॉजिट करना चाहेंगे बैंक में तो फिर सिलिकॉन वाली बैंक लोगों की पसंद से एक नंबर पर थीं। 


इसलिए मार्च 2021 तक इनके टोटल डिपॉजिट थे 124 बिलियन डॉलर्स तक पहुँच गई थी 100% इजाफा देखने को मिला बैंक ने देखा कि इतना सारा पैसा लोगों का हमारे पास आ रहा है तो क्यों न इसका इस्तेमाल कहीं और इनवेस्ट करने में किया जाए।


 तो फिर इसीलिए सिलिकॉन बैंक ने इस पैसों का इस्तेमाल बॉन्ड्स खरीद करने में किया यहाँ पर सरकार ही नहीं बल्कि कॉर्पोरेट बॉन्डस भी खरीदे गए।
अगर आप नहीं जानते कि बॉन्ड क्या होता है तो फिर मैं आपको बताता हूँ जब बड़ी बड़ी कंपनियों और सरकार को पैसों की जरूरत होती है तब वो बॉन्ड इश्यू करते हैं। बैंक ये बॉनड खरीदती है और पैसा जाता हैं। सरकारों के पास वो अपने काम के लिए पर इसे इस्तेमाल करेगी ये पैसा एक तरह से लोन के तौर पर दिया जाता है। ये कंपनियां सरकार आपको एक ब्याज दर निश्चित करती है। टाइम खत्म होने के बाद हम आपको पैसा लौटा देंगे पूरे ब्याज के साथ अबे सिलिकॉन वेली बैंक ने ऐसे वक्त में बॉन्ड खरीद लिए जब इंट्रेस्ट रेट कम चल रहा था उस वक्त तकरीबन 0% से लेके 0.25% था।


 अब कुछ वक्त बाद ही इंटरेस्ट रेट कम नहीं था बल्कि बढ़ गया था यहाँ पर इंट्रेस्ट रेट कम होता है तो बॉनड की किमत बढ़ जाती है. अगर बॉन्ड का प्राइस नीचे गिर जाता है। और अपने बॉन्ड खरीद लीए हो तो नुकसान आप का होता है। सिलिकॉन वाले बैंक को यहाँ परसबसे खराब मामले की पृष्ठभूमि देखने को मिलता है कि अमेरिकी सरकार ने इंट्रेस्ट रेट बढ़ा दिया इन्ट्रेस्ट रेट बढ़ाने से जो सिलिकॉन वाली बैंक ने बॉन्ड खरीदे थे उसकी वैल्यू नीचे गिर गई और बैंक का बहुत सारा नुकसान हो गया बैंक पर दूसरा असर यह पड़ा कि अब इंट्रेस्ट रेट ज्यादा होने के कारण नए स्टार्टअप करने वाली कंपनियां लोन लेना पसंद नहीं कर रही थी। तो फिर अपनी सेविंग इस्तेमाल कर रही थी और अपना पैसा बैंको से निकालना चाह रही थी अभी आप पर बैंको ने पैसा तो तिजोरी में बंद करके नहीं रखा था इन्होंने आगे इन्वेस्ट करके रखा था अब इनके पास लोगों को देने के लिए पैसा नहीं था जो पैसे इन्होंने इन्वेस्ट किया था वो पैसा नुकसान में जा रहा था। अब लोगों के पैसों की जरूरत को देखकर  बैंक के लोगों ने bonds भेजना शुरू किया।


 वो भी नुकसान में उस वक्त तकरीबन 21 बिलियन डॉलर्स की बॉन्ड्स बेच दी वो भी 1.8 बिलियन डॉलर्स के नुकसान पर बेच दिये।


अब ये खबर फैलते ही बैंक के शेयर्स नीचे गिरने लगे साल 2023 तक इस बैं के शेयर्स 60% नीचे गिर जाते हैं। ये नौबत इसलिए आई क्योंकि बैंक की तरफ से गलत डिसीजन लिए गए। पिछले कुछ महीनों में अमेरिका में महंगाई दर बढ़ रहा था इसके पीछे कई कारण हैं इनमें से एक करने रशिया यूक्रेन में हो रहा युद्ध। उम्र इस महंगाई दर को नियंत्रित करने के लिए अमेरिकन इंट्रेस्ट रेट बढ़ाया था।


अब आप लोगों के मन में ये सवाल उठ रहा होगा उन लोगो का क्या हुआ जिनका पैसा उस बैंक में था उन लोगों का पैसा जितनी कि गैरैन्टी सरकार और बैंक गैरैन्टी लेती है उतना पैसा उनको वापस मिल गया। जितना बैंक में पैसा डिपॉजिट किया था लोगों को उतना वापस नहीं मिला अमेरिकी सरकार की तरफ से लोगों को कहा गया कि जितना भी पैसा उन्होंने डिपॉजिट किया है वो सारा पैसा सेफ रहेगा।


अब अगर इस घटना के नुकसान के बारे में बात किया जाए तो स्टॉक मार्केट में यूएस बैंको की कीमत नीचे गिर चुकी है यूएस की बैंक के 100 बिलियन डॉलर्स का नुकसान स्टॉक मार्केट में कर चूके हैं।


इस चीज़ का असर उन कंपनियों पर भी पड़ा जिनका पैसा इस बैंक में डिपॉजिट था इन कंपनियों के शेयर्स भी नीचे गिर गए घटना की वजह से स्ट्रीमिंग डिवाइस कंपनी Roku ने कहा कि इन कि डिपॉजिट इस बैंक में बड़े तौर पर असुरक्षित थे इनके शेयर्स वैल्यू 10% नीचे गिर गए। कई स्टार्टअप ऐसे थे जोकि इंडिया के फाऊंडर थे जो इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे थे उन्होंने भी इस बैंक में पैसा डिपॉजिट किया था। कुल मिलाके ये देखने को मिलता है कि कितना असर पड़ता है या अमेरिका अर्थव्यवस्था और दुनिया की अर्थव्यवस्था पर हालांकि लोग इससे साल 2008 की वित्तीय संकट से तुलना जरूर करते हैं लेकिन इसमे महत्वपूर्ण अंतर हे साल 2008 में जो वित्तीय संकट निर्माण हुआ था घरों का बिखरी बाजार क्रैश होने की वजह स हुआ था बैंको ने बड़ी ही लापरवाही से एक के बाद एक लोन्स दिए लोगों को घर खरीदने के लिए जो लोग घर खरीदने की सामर्थ्य नहीं रख सकते थे। इसकी वजह से घरों की बिक्री बाजार गिर गई इसकी वजह से दुनियाभर में आर्थिक मंदी देखने को मिली। उसके बाद कड़े कानून लाएँ गए क्योंकि दुबारा ऐसा ना हो। विशेषज्ञ का कहना है कि वैसी हालात दोबारा नहीं होगी।

Q&A:-

1. सिलिकन वैली बैंक संकट के क्या कारण थे?
यह संकट बैंक की जोखिमपूर्ण ऋण देने की प्रथाओं के कारण था।

2. तकनीकी उद्योग पर संकट का क्या प्रभाव पड़ा?
संकट के कारण टेक स्टार्टअप्स के लिए उपलब्ध धन की कमी हो गई।

3. सिलिकन वैली बैंक के क्या परिणाम हुए?
बैंक को लाखों का जुर्माना भरना पड़ा और प्रबंधन में बदलाव करना पड़ा।

4. क्या संकट के लिए किसी को जवाबदेह ठहराया गया?
कई अधिकारियों को बैंक से बर्खास्त या इस्तीफा दे दिया गया।

5. संकट के बाद से सिलिकॉन वैली बैंक कैसे बदल गया है?
इसी तरह के संकटों से बचने के लिए बैंक की अब सख्त उधार नीतियां हैं।

 6. सिलिकन वैली बैंक संकट के क्या कारण थे?
बैंक ने ऋण घाटे और खराब जोखिम प्रबंधन प्रथाओं का अनुभव किया।

7. संकट ने सिलिकॉन वैली को कैसे प्रभावित किया?
इसने स्थानीय स्टार्टअप और छोटे व्यवसायों पर प्रभाव डाला।

8. संकट के समाधान के लिए क्या कदम उठाए गए?
बैंक का पुनर्पूंजीकरण किया गया और प्रमुख नेतृत्व परिवर्तन हुए।

9. क्या बैंक संकट से पूरी तरह उबर चुका है?
इसने हाल के वर्षों में वापसी की है और वृद्धि की सूचना दी है।

10. संकट से क्या सबक सीखे गए?
मजबूत जोखिम प्रबंधन और ऋण पोर्टफोलियो के विविधीकरण का महत्व।

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