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Theory of Evolution |charles darwin, natural selection,hindi.

 THEORY OF EVOLUTION

THEORY OF EVOLUTION
THEORY OF EVOLUTION
 

     पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति कैसे हुई?


        आज से करीब 4 अरब साल पहले जीवन की शुरुआत धरती पर होती है। अरब वर्षों के आकलन के बाद अनगिनत प्रकार के संयंत्र और जानवरों की प्रजातियां उभर कर सामने आ रही हैं। ये सारे पेड़, सूक्ष्म, जीव और जीव जो आज के दिन देखते हैं, ये सब आए उत्क्रांती के चलते इनकी एक प्रजाति है होमो सेपियन्स यानी इंसान। लेकिन सवाल ये उठता है कि अगर इंसान बंदरों से आते हैं तो आज के दिन भी हमें बंदर क्यों देखने को मिलते हैं? क्या है THEORY of EVOLUTION की कहाणी? 

     1) कई बंदर चिंपांज़ी और गोंरिला ये इंसानों में  शामिल  क्यों नहीं हो गए?



    ऐसे सवाल अकसर उठाए जाते हैं। लोगों के द्वारा कुछ लोग तो विकसित को ही नकार देते है। कहते है की ये झूठ है आखिर कितनी सच्चाई है इस THEORY of EVOLUTION की? ये थ्योरी है या तथ्य भी है? और कैसे यह अलग अलग प्रकार के जीव विकसित किये आइए जानते हैं आज के इस लेख में।

     2) सारे चिम्पांजी, गोंरिला, बंदर और मनुष्यों के पूर्वज एक ही हैं।



    शुरुआत से ही दोस्तों सबसे बड़े गलत धारणाओं को उद्धृत कर देते हैं। विकास का सिद्धांत कभी ये नहीं कहता कि बंदर इंसान बन गए। बल्कि ये कहा जाता है कि सारे चिम्पांजी, गोंद, बंदर और इंसान के पूर्वज एक ही हैं। और वो पूर्वज आज के दिन जिंदा नहीं है।

     2.1} विकास(EVOLUTIONको पेड के  माध्यम से समझे।



    EVOLUTION को अगर आप कल्पना करना चाहते हैं तो एक पेड़ इमेजिन कीजिये एक पेड़ की शुरुआत होती है सिर्फ एक पतली डंडी से फिर ऊपर जाके टहनियां बनती है, उन टहनियों से और छोटी छोटी टहनियां बनती ऐसे ही आगे चलते रहे, चलते रहे तो जो नोक आप देखोगे इस पेड़ की अंतिम बिंदु जो है वो आज के दिन मौजूद सारे जिंदा जीव है। लेकिन एक सवाल आपके दिमाग में अभी भी आएगा की ये जो हमारे पूर्वज थे, इनमें से कुछ इंसान बन गए और कुछ चिंपैंजी बने, कुछ बंदर बने ऐसा क्यों हुआ? इसका जवाब लेख में आगे आप समझेंगे।

     3) चार्ल्स डार्विन (theory of evolution by natural selection):-



    साल 1859 में CHARLES DARWIN ने अपनी ऐतिहासिक किताब लिखी थी THE ORIGIN OF SPECIES इस किताब में उन्होंने प्राकृतिक चयन का सिद्धांत    ( The Theory of Natural Selection)कयी थी। अब प्राकृतिक चयन का सिद्धांत सुनकर आपको लगेगा की कोई बड़ी रहस्यमय सी चीज़ हो रही है। सभी जीव में कोई आंतरिक इंजीनियरिंग चलने लग रही है। लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। बड़ा सिंपल फंडा है। जब भी प्रजनन होता है, इंसानों में जानवरों में पेड़ पौधों में जीन्स जो है वो एक से दूसरे जीव में जाती है।


    हमारी जीन्स बच्चों में पास ऑन होती है और जब भी होता है तो जीन्स में उत्परिवर्तन देखने को मिलती हैं। थोड़े बहुत बदलाव आ जाते हैं। जीन्स में कुछ बदलाव देखने को मिलते है। और ये बदलाव अकसर आगे आने वाली पीढ़ियों में भी आनुवंशिक की जाती हे। जैसे की अगर आपकी ब्राउन आँखें हैं और आपके बच्चों में ग्रीन आंखें देखने को मिलती है तो इसका मतलब ये है की अचानक से उत्परिवर्तन आ गई है उनकी जीन्स में। आँखों को कलर देने वाली जीन्स में हो सकता है आगे आने वाले बच्चों में भी  वो ग्रीन आंखें देखने को मिलेअकसर ये जो परिवर्तन होती है, इनमें से कुछ फायदेमंद रहती है, कुछ नुकसानदायक रहती है। अपनी परिवेश के चलते तो कुछ जीवित बच पाती हैं, कुछ नहीं हो जाती है। इसी प्रक्रिया को कहा जाता है।

     3.1} Natural selection उदाहरण के तौर पर समझते हैं।


     
    उदाहरण के तौर पर मान लो की एक मेंढक है, जो ब्राउन कलर का है, एक जंगल में रहता है। इसके पांच बच्चे होते हैं पांच में से चार ब्राउन कलर के होते हैं। एक ग्रीन कलर का होता है। एक ग्रीन कलर का मेंढक बड़े अच्छे से छिप पाता है। अपने आप को छिपा पाता है। ग्रीन कलर के पेड़ पौधों के बीच। इसके चलते इसे एक फायदा मिलता है। 1 दिन एक साप कर ब्राउन कलर के मेंढक को खा जाता है क्योंकि वो आसानी से देख पाते हैं। लेकिन ये ग्रीन कलर का मेंढक दिख नहीं पाता, बच जाता है और आने वाली पीढ़ी अब इसकी ग्रीन कलर की होती है। कुछ इसी तरीके से मोटे मोटे तौर पर प्राकृतिक चयन का सिद्धांत काम करता है। यहाँ पर एक टर्म को यूज़ किया जाता है Survival of the Fittest कई मोटिवेशनल स्पीकर इस टर्म का मिस यूज़ करते हैं यह कहकर कि जो फिजिकली फिट लोग है सिर्फ वही जीवित बच पाएंगे। लोग इमेजिन करते हैं कि जिसके बाइसेप्स बड़े बड़े होंगे।  ट्राइसेप सिक्स पैक होंगे वही लोग यहाँ पर जीवित रहना देखने को मिलेगा चयन के प्राकृतिक सिद्धांत के अनुसार। लेकिन ये कहना असल  में गलत होगा। फिट का मतलब यहाँ पर सबसे बड़ा सबसे ताकतवर बनाना नहीं है।

      3.2} चार्ल्स डार्विन के अनुसार फिट का मतलब


     
    CHARLES DARWIN के अनुसार फिट का मतलब है जो भी अपनी आसपास की पर्यावरण में सबसे अच्छे से फिट हो पाए। पर पर्यावरण का मतलब यहाँ पर सिर्फ अपने आस पास का जलवायु और तापमान नहीं है, बल्कि अपने आसपास के रहने वाले पौधे और जानवर प्रजाति  एक परिस्थिति में कौन कितना अच्छे से फिट हो पा रहा है? इसीलिए क्या फिट है क्या नहीं ये टाइम के साथ साथ बदलता भी रह सकता है।


    डायनासोरस के समय में कुछ डायनासोरस विकसित कि ये प्राकृतिक चयन की वजह से की उसका साइज बड़ा हो जाये बाकी और शिकारी से उनका बचना आसान हो जाएगा। अगर वो बड़े होंगे तो। लेकिन दूसरी तरफ जब कहीं पर खाने की कमी देखने को मिली तो फिट होने का मतलब था अपना साइज छोटा करना ताकि आपकी खाने की आवश्यकता कम हो सके। इसलिए कुछ का विकास हुआ की वो डायनासोरस साइज में छोटे हो जाये। ऐसे ही कुछ जानवर विकसित किया है की उनकी बॉडी पर ज्यादा बाल हों ताकि उन्हें ज्यादा इन्सुलेशन मिल सके थंड में ।

      3.3} POLAR BEARS 



    जैसे की POLAR BEARS इतने बाल होंगे तो ठंड में गर्म रहना आसान होगा। लेकिन दूसरी तरफ इंसानों जैसे कुछ जानवर विकसित की है कि उनकी बॉडी पर कम बाल हो ताकि गर्मियों में अपने शरीर के तापमान को नियंत्रित करना आसान हो सके, पसीना आसानी से आ सके और बॉडी से गर्मी आसानी से बाहर निकल सकें।

     4) इंसानों में बाल झड़ने की समस्या।


     
    आज के दिन इंसानों में मेजर ली सिर्फ सिर पर बाल बचे हैं और ये सर के बाल भी चले जाते हैं। अकसर 40-50 के उम्र तक आनुवंशिक की वजह से। ये चीज़ नॉर्मल है, लेकिन जो नॉर्मल नहीं है वो ये है की 20 ज़ोर 30। मैं भी अब ये आम समस्या बन गई है। फिजिकल और इमोशनल स्ट्रेस की वजह से हेयर लॉस होना। इसके पीछे कई सारे कारण हो सकते हैं। नींद ठीक से पूरी ना होना, उचित आहार न लेना और हार्मोनल असंतुलन और ये जो हेयर लॉस है ये सात स्टेजेस में होता है। इसमें अगर आप स्टेज वन से स्टेज फ़ोर के बीच में हो तो सही ट्रीटमेंट लेकर बालों को बचा सकते हो लेकिन अगर आप स्टेज फाइव से आगे बढ़ जाते हो तो ट्रांसप्लांट जैसे सर्जिकल ऑप्शन्स ही रहते है। जो की शायद सबके लिए सुविधाजनक या खरीदने की सामर्थ्य ना हो। इसलिए सही वक्त पर ही  वैज्ञानिक दृष्टिकोण और क्वालिफाइड डॉक्टर से मिली ट्रीटमेंट लेना आपकी मदद कर सकता है।


    अपने बेसिक समझ लिया अब समझते हैं कि एवल्यूशन पूरी तरह से हुआ केसे एवल्यूशन के पेड में अगर आप टाइम में पीछे जाते रहे तो हर किसी में सामान्य पूर्वज देखने को मिलेंगे। इंसान और बंदरों का एक कॉमन है। इंसानों और गाय, भैंसों का एक सामान्य पूर्वज हे। सारे जानवर और सारे पेड़ पौधों का एक सामान्य पूर्वज हे। पीछे हम टाइम में जाते गए तो इस सबकी शुरुआत होती है  लगभग 4 Billion साल पहले धरती पर नजारा उस वक्त कुछ और ही था, कोई महाद्वीप नहीं थे। अर्थ पर धरती के चारों ओर सिर्फ पानी ही पानी था और इसी पानी में लाइफ की शुरुआत होती है।

     5) धरती पर सबसे पहले जीव कौन सा था?





    सबसे पहले जीव कौन सा था? वैज्ञानिक ने एक बड़ा सिंपल नाम दिया है। इस पहले जीवों को इन्होंने इसे बुलाया है।
    First Universal Common Ancestor ( FUCA)
    उस वक्त कोई जीन्स नहीं थी, कोई DNA नहीं था, बस कुछ Free Floating Nucleotides थे, जो एक RNA में इकट्ठा हो गए। इस RNA ने एक molecule बनाया PTC के नाम से और ये सेल्फ ओरगनाइस कर गया जिससे ये FUCA बना। हम सब का ये पहले पूर्वज है। जो येक सेल भी नहीं था। आज के दिन हम इस सेल को Building blocks of life कहते हैं। लेकिन अगर ये FUCA भी Cell नहीं था तो क्या यह एक जिंदा चीज़ भी थी? ये जीवित था या अजीवित था। इमेजिन करना बड़ा मुश्किल है, लेकिन एक वायरस को इमेजिन करो। एक वायरस को ना तो जीवित कहा जाता है, ना अजीवित कहा जाता है। अपने आप में वाइरस बढ़ या पुनरुत्पादन कर नहीं सकता जब तक ये किसी शरीर में ना हो, कुछ ऐसा ही इमेजिन कर लो। यहाँ पर मैं ज्यादा टेक्निकल डिटेल्स में नहीं जाऊंगा, क्योंकि इस शुरुआत के हिस्से पर अपना एक अलग लेख बन सकता है। की कैसे शुरुआत में सिर्फ कुछ तत्वों मौजूद थे जो की Nucleotides बने फिर उनसे RNA बना। इसके बारे में किसी और लेख में आपको जानकारी दूंगा।


      अभी हम आगे बढ़ते हैं 3.8 Billions पहले FUCA विकसित कर जाता है। एक एककोशिकीय जीव (Unicellular organisms) में इसे हम बुलाते है।
    LUCA (last Universal common ancestor)
    यानी जितनी भी जीवित चीजें है धरती पर पेड़, पौधे, जानवर, बैक्टीरिया, इन सबका एक कॉमन Ancestor था जो की LUCA हैं। साइंटिस्ट मानते हैं की एक PROKARYOTIC MICROBES रहा होगा जिसमें एक CELL MEMBRANE भी था।

    6) PROKARYOTES और EUKARYOTES में क्या फर्क है?



    PROKARYOTES और EUKARYOTES में क्या फर्क है ये आपने स्कूल में पढ़ा होगा। EUKARYOTES के सेल में एक proper Nucleus होता है। PROKARYOTES में कोई PROPER NUCLEUS नहीं होता। साइंटिस्ट ने अंदाजा लगाया कि इस LUCA में करीब 355 जीन्स थी। और ये 355 जीन्स हमें आज के दिन हर जीव में देखने को मिलती है जो चीज़ जिंदा है। धरती पर एक बड़ी ही नई डिस्कवरी है।


    सिर्फ जुलाई 2016 में ही साइंटिस्ट ने इस चीज़ का पता लगाया था THE UNIVERSITY OF DUSSELDORF  ने ये डिस्कवरी करी। ये डिस्कवरी से चार महीने पहले वैज्ञानिक ने सबसे छोटा Synthetic cell बनाया है जो अपने आप में जीवित बच सकता है और रिप्रड्यूस कर सकता है।


    उस सेल में 473 जीन्स थे लेकिन
    LUCA में तो इससे भी कम थे जीन्स 355। इसलीये LUCA को भी HALF ALIVE ही वर्गीकृत किया जाता है। इसलीये की उचित जीवन नहीं था। साइंटिस्ट का मानना है कि जो वाइरस हम आज के दिन देखते हैं, उनका विकास या तो LUCA के पहले शुरू हुआ होगा या तो LUCA के साथ वायरस ने सह विकसित होना करना शुरू किया होगा। क्योंकि शुरुआत से ही वाइरस ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाया है। EVOLUTION में चाहे Covid 19 वाला वायरस एक वायरस परिवार का काला आकार पर। लेकिन हमारे आज के दिन जिंदा रहने के लिए सबको किसी न किसी प्रकार के वायरस की जरूरत है जिंदा रहने के लिए। LUCA का reproducing हमें  देखने को मिला कोशिका विभाजन के द्वारा और काफी Millions सालों बाद EVOLUTION हुआ जब LUCA दो में फैल गया।


    BACTERIA और ARCHAEA ये दोनों Microorganisms है जो एक दूसरे से काफी  समान है। बस फर्क ये है की Cell wall और Plasma Membrane के मामले में इन दोनों में थोड़ा सा फर्क है। कई Billion साल आगे चले तो एक बड़ा खास किस्म का बैक्टीरिया उभर कर आता है। EVOLUTION के चलते,


    CYANOBACTERIA यह पहला बैक्टीरिया होता है जो प्रकाश संश्लेषण कर पाता है यानी धूप का इस्तेमाल करके एनर्जी जेनरेट करना।

    7)THEGREAT OXYGENATION EVENT


    इसमें पानी को भी एक Fuel की तरह इस्तेमाल किया जाता है और आखिरी उत्पाद यहाँ पर निकलता है OXYGEN तो जब ढेरों ऐसे बैक्टीरिया समुद्र में मौजूद होते हैं। प्रकाश संश्लेषण कर रहे होते हैं तो बहुत सारी ऑक्सीजन हवा में रिलीज होती है।

     
    इस घटना को बुलाया जाता है। THE GREAT OXYGENATION EVENT और इसी के बाद ही धरती के वायुमंडल में ऑक्सीजन की मात्रा बहुत ज्यादा देखने को मिलती है। ये EVENT हुआ था आज से करीब 2.2 Billion साल पहले। तो EVOLUTION होती है यहाँ पर DNA को और स्ट्रांग और प्रोटेक्टेड बनाने की कोशिश करी जाती है।


    और इसी के चलते Cell में Nucleus की गठन होती है। cell के अंदर एक जगह पर DNA को रखा जाता है ताकि उसे प्रोटेक्ट किया जा सके। दूसरा कई million साल बाद  हमें Nucleus के बाहर का जो एरिया था Cytoplasm वहाँ पर भी EVOLUTION देखने को मिलती है।

     7.1} क्या कारण है की सारे पेड़ पौधे आज के दिन प्रकाश संश्लेषण कर पाते हैं?



    कुछ टाइप का CYANOBACTERIA जो हे ओ CHLOROPLASTS में बदल जाता है। यही कारण है की सारे पेड़ पौधे आज के दिन प्रकाश संश्लेषण कर पाते हैं।

    और यहाँ से जन्म होता है प्लांट KINGDOM का। दूसरी तरफ क्योंकि ऑक्सीजन भरपूर मौजूद थी वायुमंडल  में तो एक प्राचीन बैक्टीरिया सोचता है, क्यों ना इस ऑक्सीजन को कुछ काम पर लाया जाए? क्युना में इस ऑक्सीजन का इस्तेमाल करूँ एनर्जी जेनरेट करने में और यहाँ शुरुआत होती है AEROBIC RESPIRATION की। ये बैक्टीरिया जाकर एक और आर्किया के अंदर डेवलप होना शुरू होता है।



    और यहाँ जन्म होता है MITOCHONDRIA का जिसे हम आज के दिन बुलाते हैं THE POWERHOUSE OF CELL  सारे eukaryotes में एक बड़ा ही इम्पोर्टेन्ट Eliminate आगे चलकर ये EUKARYOTES तीन और सब ब्रान्चेस में स्प्लिट हो जाते हैं। Animal kingdom, fungi kingdom, Algae kingdom  को Protista भी बुलाया जाता है। यहाँ कल्पना कर सकते हो की हमारा Tree of life  जन्म ले रहा है।

     7.2} Bacteria, Eukarya, Archaea


     
    पहले तीन ब्रान्चेस है Bacteria, Eukarya, Archaea  और फिर ये Eukarya के ब्रान्चेस निकलते हैं। plant, Animal, fungi, Algae.  साइंटिस्ट के बीच में अभी भी ये चर्चा का मुद्दा है की ARCHAEA से Eukaryotes निकले या फिर ARCHAEA और EUKARYOTES दो सेपरेट ब्रान्चेस हैं जिनका एक Common Ancestor था।

    ये सब सुनकर एक चीज़ आपके दिमाग में आ रही होगी। दोस्तों की भाई कहा, हमने बंदरों से इंसानों के बनने की बात करी थी और यहाँ हम बैक्टीरिया और MICROORGANISMS पर ही लगे हुए हैं। यहाँ कुछ लोगों को शर्म आती है की इंसान बंदरों से रिलेटेड है और यहाँ तो हम बैक्टीरिया से आगे नहीं बढ़े।


     7.3} इंसानों के बॉडी के अंदर कितने सेल्स मौजूद है?


    यही सच है दोस्तों, आज के दिन भी हमारी बॉडी के अंदर 39 Trillion maycrohopes एक बॉडी के अंदर, हमारी बॉडी के अंदर जो सेल्स हैं, उनमें से सिर्फ 43% सेल्स ही इंसानों के सेल्स है। बाकी बैक्टीरिया, वायरस, फंगस और आर्की के सेल्स मौजूद है। हमारे अंदर कहानी पर वापस आए तो करीब 900 मिलियन साल पहले Multicellular लाइफ का जन्म होता है। क्यों होता है इसके पीछे भी कारण EVOLUTION है। जीवित रहने के लिए देखा जाता है कि जीवित रहना ज़्यादा आसान है अगर सेल्स एक ग्रुप में रहे। अकेले अकेले एककोशिक होने की जगह साथ में बहुकोशिकीय बने तो उनका जीवित रहना के चांस बढ़ जाएगा। इसलिए बहुकोशिकीय जीव हम समय देखने को मिलते हैं।



    करीब 555 million साल पहले हम एक कॉमन Ancestor देखने को मिलता है सारे जानवरों का इसका नाम है IKARIA WARIOOTIA  और इसका साइज एक चावल के दाने से भी छोटा एक द्विपक्षीय कीड़ा जिसका एक आगे का साइड एक पीछे का साइड भी था।


    BILATERAL का मतलब SYMMETRY होता है। Vertically या Horizontally symmetric को होगा।  यानी सभी जानवरों में एक राइट साइड होती है, एक लेफ्ट साइड होती है। और वो दोनों साइड एक दूसरे से सिमिलर होती है। बहुत कम अपवाद है इसमें जैसे की एक Starfish जिसमें Bilateral symmetry की जगह Radial symmetry होती है। सारे जो जानवर होते है वो Bilateral होते हैं। इंसान हो, सुअर हो, स्पाइडर हो बटरफ्लाइ हो।

     8) सारी मछलियां, सरीसृप, स्तनधारियों पक्षियों का विकास कैसे हुआ?


     
    साइंटिस्ट को साउथ ऑस्ट्रेलिया में ये जीवाश्मों मिले और इन्होंने जीवाश्मों की जब carbon dated किया की पाया की ये कोई Creature था जो 555 Million साल पुराना था और यह Bilateral भी था तो अभी तक का ये सबसे पुराना Organisms बन गया है जो Discover किया गया है। इसलिए इसे माना जाता है। सारे जानवरों  का पूर्वज (Ancestor)  फिर विकास शुरू होता है।

     8.1} VERTEBRATES



     दोस्तों एक VERTEBRATES के यानी एक spine की, सारी मछलियां, सरीसृप, स्तनधारियों पक्षियों को VERTEBRATES कहा जाता है, क्योंकि उनमें रीड की हड्डी होती है। spine होती है, पहली रीढ़ की हड्डी का विकास होता है.

     8.2} ARANDASPIS



    480 Million साल पहले एक तरह की मछली थी ARANDASPIS नाम से। फिर डेवलपमेंट शुरू होती है चार पैरों की। जिन जिन जानवरों में चार पैर होते हैं। उन्हें TETRAPODS बुलाया जाता है और ये डेवलपमेंट भी पानी के अंदर ही होती है। अभी तक हम इस कहानी में जमीन पर नहीं आये है। 375 Million साल पहले ये मछली पाई जाती है.

      8.3} EUSTHENOPTERON


     
    जिसे नाम दिया गया है EUSTHENOPTERON ये करीब छह फ़ीट लंबी मछली जिसका जबड़ा बहुत ताकतवर था। दांत बहुत नुकीले थे और इसे कनेक्शन बताया जाता है। आज के दिन सारी मछलियों और land vertebrates के बीच में।

     8.4} TIKTAALIK ROSEAE



    ईस जानवर को देखिये इसका नाम है TIKTAALIK ROSEAE इसे साल 2004 में खोज किया गया था। इसके बड़े Fore fins सपोर्ट कर पाए की ये जमीन पर रह पाए वास्तविक में हुआ क्या होगा? ये जानवर Shallow समुद्र में रहता होगा। कई बार ये जलवायु परिवर्तन की वजह से समुद्र पीछे चला गया और इसे जमीन पर मजबूर आना पड़ा और जीवित रह पाए हैं। वहाँ पर इसकी खोपड़ी मगरमच्छ जैसी है तो ये बाइट करके खाना खा सकता था, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है की सारे जीवों ने पानी से जमीन पर मूव कर दिया। EVOLUTION कभी भी रैखिक प्रगति नहीं होती। मतलब विकास (EVOLUTION) किसी एक दिशा में नहीं होता। बल्कि इसका विकास(EVOLUTION) हर दिशा में हो सकता है।

     8.5} Qikiqtania wakei



    इसी Tiktalik की relative थी येक मछली Qikiqtania wakei  इसके बारे में माना जाता है की कुछ समय के लिए जमीन पर आई स्थिति के अनुकूल नहीं हो नही पाई वापस समुद्र के अंदर चली गई।  ऐसे ही कुछ जीव जमीन पर आये, लेकिन वो वापस समुद्र के अंदर चले गए। इसका एक बड़ा अच्छा उदाहरण हे Whales fish और Dolphins fish ये mammals है, यानी इंसानों से ज्यादा रिलेटेड है मछलियों की तुलना में। मछलियों की तरह वो पानी के अंदर सांस भी नहीं ले सकतीं। उन्हें पानी से ऊपर आना पड़ता है सांस लेने के लिए। इसका मतलब है कि Dolphins और इंसानों का एक Common Ancestor रहा होगा, जो जमीन पर रहता था। और उस Ancestor के कुछ इंडीविजुअल जमीन पर रह गए, कुछ समुद्र में वापस चले गए।

     9) उभयचर(Reptiles)प्राणी का विकास कैसे हुआ?



    कहानी में आगे बढ़े तो कहीं 368 Million साल पहले उभयचर विकसित होने लगते हैं। उभयचर(Reptiles)प्राणी यानी मेंढक और सैलामैंडर जैसे जीव जो पानी में भी रह सकते हैं, जमीन पर भी रह सकते हैं। फिर EVOLUTION होती है। सरीसृप, सांप, कछुए, घड़ियाल, मगरमच्छ, छिपकलियां, इसी शाखा से आगे जाकर डायनासोरस भी आते हैं। डायनासोरस आने लगते है करीब 230 Million साल पहले।

    9.1} QUADRANGULARIS


     
    आगे चले 225 Million साल पहले हमें 20 सेंटीमीटर लंबा चूहे जैसा दिखनेवाला जानवर देखने को मिलता है। जिसे नाम दिया गया है BRASILODON QUADRANGULARIS  इस इससे अब दुनिया का Oldest mammal माना जाता है और ये डिस्कवरी दोस्तों सिर्फ पिछले साल हुई थी।

     9.2} MORGANUCODON


     
    इससे पहले साइंटिस्ट को लगता था कि दुनिया का सबसे पुराना सस्तन प्राणी MORGANUCODON हे। क्योंकि ये कुछ ऐसा दिखता था ये 205 Million साल पहले अस्तित्व में था। दिलचस्प बात ये है की ये अंडे दिया करता था।

     10)Mammals का विकास ।



    Mammals जैसा कि हम सब जानते हैं ये येसे प्रकार के जानवर हैं, जिनके बच्चे माँ का दूध पीते हैं। इंसान, बंदर, कुत्ते, बिल्लियां, टाइगर, शेर ये सारे mammals होते हैं। और नोर्मल्ली mammals अंडे नहीं देते हैं। लेकिन ख़ासकर जो अंडे देते हैं, उन्हें Monotremes कहा जाता है।


    आज के मोनोट्रेम की पाँच प्रजातियाँ जीवित हैं। जिनमें से एक है PLATYPUS इसके 120 मिलियन साल पुराने जीवाश्मों भी पाए गए हैं। वो जीवाश्मों आज के दिन के PLATYPUS से ज्यादा अलग नहीं है जिससे इसलिए PLATYPUS को सबसे आदिम जानवरों में से एक माना जाता है, जो आज के दिन जिंदा है।


    अब Monotremes के अलावा दो और ब्रान्चेस है। Mammals में एक है Placentals और एक Marsupials  इनमें placental mammals वो जानवर जिनकी माँ की गर्भाशय मैं बच्चा बड़ा होता है। जैसे की इंसान और marsupials वो जानवर जिनकी माँ के पाउच में बच्चा बड़ा होता है। जैसे की Kangaroos और koalas तो बेसिकली तीन अलग अलग तरीके हो गए बच्चे को पालन-पोषण करने के। इन तीन तरीके mammals में हे। एक हे अंडा देना, दूसरा हे कोख के अंदर पालन-पोषण करना और तीसरा पाउच के अंदर। लेकिन ये तीनों स्तनधारियों की श्रेणी में आते हैं, क्योंकि जो बच्चे होते हैं वो माँ का दूध पीते हैं। अण्डजस्तनी (Monotremes) का बाकी और से अलग हुए 166 Million साल पहले। फिर आगे चलकर 125 Million साल पहले MARSUPIALS और PLACENTAL भी अलग दिशा में evolved करने लगे।

     10.1}अमेरिका और ऑस्ट्रेलियाअंटार्कटिका महाद्वीप एक दूसरे से जुड़े हुए थे।



    आज से करीब 40 Million साल पहले तक साउथ अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका महाद्वीप एक दूसरे से जुड़े हुए थे। तो जब Marsupials का विकास हुआ। ये इन तीनों महाद्वीप में आलग हुए। उस वक्त Antarctica में कोई बर्फ नहीं होती थी। Antarctica मैं भी एक फॉरेस्ट हुआ करता था। और आज के दिन जब ये महाद्वीप एक दूसरे से अलग हो चूके हैं। हमें Marsupials इन तीनों महाद्वीप में ही देखने को मिलते हैं। और सबसे ज्यादा Marsupials ऑस्ट्रेलिया में ही पाए जाते हैं। साउथ अमेरिका में वो बाकी Mammals के साथ कंप्लीट करके फिट नहीं हो पाए सिचुएशन में। लेकिन ऑस्ट्रेलिया में उनका कॉम्पिटिशन नहीं था बाकी mammals के साथ। इसलिए आज के दिन Kangaroos और koalas जैसे जानवर हमें सिर्फ ऑस्ट्रेलिया में देखने को मिलते है।

     10.2} PLACENTAL mammals का सबसे पुराना जीवाश्म।



    PLACENTAL mammals का सबसे पुराना जीवाश्म पाया गया था। नॉर्थ ईस्ट चाइना में जिसे डेट किया गया 125 Million साल पहले


    इस जानवर का नाम
    EOMAIA था। हालांकि 2013 की स्टडी में साइन्टिस्ट ने इस चीज़ को काउंटर किया था। ये कहते हुए कि इस जानवर में वो सारे खुबिया नहीं थी जो आज के दिन बाकी placental mammals में देखने को मिलते हैं। Maureen O'Leary और उनके को रिसर्चर्स ने इस चीज़ को काउंटर किया और कहा कि असल में पहला PLACENTAL mammals सिर्फ 65 Million साल पहले ही पाया गया था।


    और वो जानवर कुछ ऐसा दिखता था। और भी ज्यादा चूहे जैसा दिखता था।  अब हम टाइमलाइन के सबसे इंट्रेस्टिंग भाग पर आ रहे हैं क्योंकि इस समय पर डायनासोरस का extinction हो चुका था। Asteroid ने सारे डायनासोरस को खत्म कर दिया, लेकिन इसका मतलब ये था की Mammals को उभर कर आने का चांस मिला। धरती के इकोसिस्टम में बहुत सारी खाली जगह बच गई, जहाँ पर Mammals फिट बैठ सकते थे।


    साइन्स जरनल में पब्लिश की गई स्टडी ने बताया है की Placental mammals के अच्छे दिन तभी शुरू हुए डायनासोरस का एक्स्टेन्शन हुआ। अगर ये ना होता तो हमें Placental mammals में विविधता कभी नहीं देखने को मिलती। इंसान कभी शायद अस्तित्व में  ही नहीं आ पाते।

     11)हिमालय की निर्मिति कैसे हुई?



    करीब 40 Million साल पहले इंडियन महाद्वीप प्लेट जाकर एशिया से टकरा जाती है, जिसकी वजह से हिमालय की पहाड़ियों की निर्मित होती है।

     11.1} अपरा स्तनधारी के ब्रान्चेस



    इसी समय Placental mammals अलग अलग ब्रान्चेस में बढ़ जाते हैं। एक ऐसी ही ब्रांच होती है UNGULATES वो Mammals जिनके पैरों में hooves देखने को मिलते हैं.


    गाय, भैस, सुअर, बकरी, उंट,  हरिंन ही गंडा सब इस कैटेगरी में आते हैं। ये ब्रांच आगे जाकर Even-toed और odd-Toed में बट जाते हे।  वो जानवर जिनके पैरों पर इवन नम्बर toes है। और वो जानवर जिनके पैरों ओड नम्बर toed हे। और इनके वर्ग में आते हैं। 

     11.2} even-toed


     
    गधे, घोड़े, ज़ेबरा, और गैंडा बाकी जो मैंने एग्जाम्पल्स बताये थे वो even-toed के वर्ग में आए। इनके अलावा एक ब्रांच बनती है Carnivora Order  की।


    Carnivorous placental mammals कुत्ते, बिल्लियां, बाग़, टाइगर, ये सारी इस वर्ग में आते हैं। इन्टरेस्टिंगली जो Whales और Dolphins हैं, उन्हें CETACEAN MAMMALS के ग्रुप में डाला जाता है। और उनकी निकटतम वंश आसल में के साथ है। सही सुना है आपने इसका मतलब ये है की whales और dolphins गाय, भैंसों से सबसे ज्यादा रिलेटेड है।

     11.3} AFROTHERIA



     
    फिर एक वर्ग है AFROTHERIA की इसमें हाथी आते हैं और ये छोटा सा दिखने वाला Hyrax नाम का जानवर आता है। EVOLUTION में कुछ चीजें बड़ी सरप्राइज़ होती है। एक हाथी जितना बड़ा जानवर और ये छोटा सा जानवर ये दोनों सेम कैटेगरी में कैसे फिट बैठ रहे हैं? इन दोनों का सेम Ancestor येक कैसे हो सकता है? ये उसी कारन की वजह से हो सकता है। दोस्तों की EVOLUTION एक रेखीय तरीके से नहीं चलती है। EVOLUTION हर दिशा में चलती है। जहाँ वह फिट बैटे।

     12)विकास(EVOLUTION) होने के पीछे आखिर में कारण क्या है? 



    चार मेन कारण बताए जाते हैं। और इन चार कारणों को हम कह्ते हे Four Forces of EVOLUTION इन चार में से दो तो मैं आपको ऑलरेडी बता चुका हूँ।

     12.1} आनुवंशिक उत्परिवर्तन (genetic mutation)


     एक है Genetic Mutation जब DNA नकल करते वक्त जो गलतियाँ हो जाती है, इनसे प्रजनन के दौरान बाईचान्स जीन्स में Mutation आ जाती। ये एक्सटर्नल फैक्टर की वजह से भी हो सकता है। जैसे की अल्ट्रावायलेट लाइट की वजह से आपकी स्किन की सेल्स में म्यूटेशन आ जाए और आपको स्किन कैंसर हो जाए।

     12.2} प्राकृतिक चयन (natural selection)


     
    दूसरा है NATURAL SELECTION, नैचरली जीन genes के traits किसी इकोसिस्टम में इन्वाइरनमेंट में सबसे अच्छे फिट बैठते हैं। वहाँ से EVOLUTION कंटिन्यू होती है। लेकिन ये तीसरे और चौथे कारण क्या है? अब इनकी बात करते हैं।

     12.3} आनुवंशिक बहाव (genetic drift)



    तीसरा कारण है आनुवंशिक बहाव इसे बेसिकली बड़े धमाके की तरह समझो इन्वाइरनमेंट में जिससे सब बदल जाता है। कोई बड़ा विनाशकारी घटना मान लो एक जानवर की एक विशिष्ट प्रजाति है जो एक विशिष्ट द्वीप पर ही पाई जाती। और वो द्वीप पर ज्वालामुखी फुट जाता है। सब खत्म हो जाता है। तो वो ऐनिमल खत्म हो जाएगा। लेकिन अगर उस ऐनिमल की कोई सब स्पीशीज़ एक पास के बगल की द्वीप पर मौजूद थी तो  ज्वालामुखी आपदा के बाद अब वो सब उप प्रजाति को मौका मिल जाएगा फैलने का और आने वाले टाइम में वो उप प्रजाति हर जगह मौजूद दिखेगी।


    इस तरीके के इवेंट को Bottleneck effect   टाइप कहा जाता है। Genetic Drift का ऐसा अमेरिका में हुआ था करीब कई 100 साल पहले। नॉर्थ अमेरिकन Bison अमेरिका में हर जगह पाया जाता था,


    लेकिन इंसानों ने इसकी शिकार करके इसे खतम कर दिया। लेकिन इसकी एक उप प्रजाति Plains Bison नाम से अमेरिका के एक नैश्नल पार्क में बची रहेंगी।


    जब बाद में संरक्षण कार्यक्रम शुरू किए गए। इसे बचाने के तो इसकी जनसंख्या फिर से बढ़ने लगी तो सारी जो पॉप्युलेशन आयी वो इस उप प्रजाति से ही आयी। एक Bottleneck इवेंट हो गया है जिसकी वजह से हमें Genetic drift देखने को मिली 


    और आजके दिन जितनी भी Bison है अमेरिका में वो सारी उप प्रजाती है plains Bison की है। और वो सारी Bison कुछ 100 Ancestor से आयी है। जो 100 Bison जिंदा बच गई थी एक Yellowstone National Park में संयोगवश से। येक दुसरे टाइप का  आनुवंशिक बहाव हो सकता है।


    Founder Effect किसी जानवर की एक छोटी सी पॉप्युलेशन अगर अलग हो जाती है। और फिर एक जगह पर जाकर पुन: पेश करती है, इसका इंसानों में ही एक बढ़िया उदाहरण देखने को मिलता है।

     13)The Amish


     
    The Amish लोग Amish अमेरिका और Canada में रहने वाले लोगों की एक छोटी सी समुदाय हैं। इनकी पॉपुलेशन करीब 2,50,000 है और ये वो लोग हैं जिनके Ancestor Germany, Switzerland से आए थे। करीब 200 साल पहले।


    इंट्रेस्टिंग बात ये है कि जो लोग आए थे अमेरिका और Canada में वो करीब 200 लोग थे। लेकिन ये समुदाय इतनी रूढ़िवादी थी कि उन्होंने कभी बाहर के लोगों से शादी ही नहीं करी। अपने आप के अंदर ही इंटर मैरिज करते रहे करते रहे। इसका नतीजा ये हुआ की आज जो 2,50,000 लोगों की पॉप्युलेशन है Amish लोगों की इन सब के Ancestor ये 200 लोग हैं। कुछ प्रतिरोध  लोग कहेंगे की ये तो बड़ी अच्छी चीज़ है की अपने अंदर अंदर ही शादी कर रहे थे। लेकिन Charles Darwin का कहना है की आनुवंशिक विविधता इतना कम करना अच्छी बात नहीं है।

      13.1} Ellis-van creveld syndrome



    इनके 200 ओरिजिनल फाउंडर्स में से एक ऐसा इंसान था जिसके अंदर एक अप्रभावी जीन थी जिससे Ellis-van creveld syndrome होता है। ये एक ऐसी बिमारी है। जिससे आपके हाथ पैर छोटे हो जाते हैं। और ज्यादा उंगलियां होती है। आपके हाथों पर, क्योंकि अपने आप में ही इंटर मेरी करते रहे ये  अप्रभावी जीन भी उभर कर आ गई 

     
    और EVOLUTION के चलते आज के दिन दुनिया भर में किसी भी और प्रकार के लोगों से ज्यादा Amish लोगों में ही यह बिमारी देखने को मिलती है। तो EVOLUTION के दृष्टिकोण से देखा जाए ये अच्छा होता है अगर जीन डाइवर्सिटी ज्यादा देखने को मिले। अलग अलग प्रकार की वराइटी और जीन्स में इंटर मिक्सिंग देखने को मिले।

     12.4} जीन बहाव(GENE FLOW)



    अब आते हैं चौथे कारण पर जो की GENE FLOW ये Genetic Drift से काफी मिलता जुलता है लेकिन इसमें क्या होता है की एक पॉप्युलेशन माइग्रेट करती है, दूसरी पॉप्युलेशन की तरफ और उनमें मिक्सिंग देखने को मिलती है।

     13.2} Africa के मलेरिया के मॉस्किटो में इन्सेक्टिसाइड्स रेसिस्टेंस की जीन पाया जाना



    इसका एक बढ़िया उदाहरण है। Africa के मलेरिया के मॉस्किटो में इन्सेक्टिसाइड्स रेसिस्टेंस की जीन पाया जाना ये प्रतिरोध जीन जिसके जिन पहले किसी और प्रकार के मच्छर में पाई गई थी लेकिन जब उस मच्छर की पॉप्युलेशन आगे इस मच्छर से इंटरैक्ट करें। तो इंसेक्टिसाइड रेजिस्टेंस इन मच्छरों में भी देखने को मिली। एक सवाल आपके मन में यहाँ पर आएगा .

     14) एवल्यूशन की टाइमलाइन क्या होती है? 


    एवल्यूशन कितनी तेज है? कितनी धीरे होती है? इसका कोई ठोस उत्तर नहीं है। ये स्पीशीज़ पर डिपेंड करता है। EVOLUTION को होने में कई लाखों साल का समय भी लग सकता है। जैसा की हमने में Mammals के केस में देखा, लेकिन दूसरी तरफ ये एक 2 साल के अंदर भी हो सकती है।

     14.1} कोरोना वायरस वेरिएंट



    इसका एक बढ़िया उदाहरण है। Corona वायरस SARS-COV-2 वाइरस जो था, उसमें ही कितनी म्यूटेशन सामने देख ली है। जब से ये Covid-19 pandemic शुरू हुआ। कभी डेल्टा वेरिएंट तो कभी ओमीक्रॉन वेरिएंट। ये एवल्यूशन नहीं तो और क्या हो रहा है। इसलिए बड़ी हैरानी की बात है की आज के दिन भी कुछ लोग एवल्यूशन को सच मानते नहीं।

     14.2} साइंटिफिक के एवल्यूशन एविडेन्स।


    एवल्यूशन सिर्फ एक थ्योरी ही नहीं बल्कि एक Fact भी है। जब हम थ्योरी शब्द का प्रयोग करते हैं आप पर उसका मतलब है एक साइंटिफिक थ्योरी। एक साइंटिफिक थ्योरी तभी बनाई जाती है जब हमारे पास भरपूर एविडेन्स यहाँ मौजूद हो। 


    अल्बर्ट आइंस्टीन की थ्योरी ऑफ स्पेशल रिलेटिविटी( Albert Einstein's Theory of Special Relativity), थ्योरी ऑफ बिग बैंग( theory of big bang), थ्योरी ऑफ एवल्यूशन ( theory of evaluation) ये सब थ्योरीज है लेकिन ये सारी चीजें फैक्ट भी है। इस पूरे लेख में आपने देखा कि कितना एविडेन्स है जो एवल्यूशन को प्रूफ करता है, लेकिन इसे काउंटर करने के लिए ऐसा कोई भी एविडन्स नहीं है जो साबित कर पाएगी। एवल्यूशन सच नहीं है।


    एस्टीमेट किया जाता है की आज के दिन करीब 97% साइन इसका मानना है की एवल्यूशन एक सच्चाई है। जो हुआ उस सबकी एक्सप्लेनेशन हमारे पास मौजूद है। यह बड़े शर्म की बात है की कुछ पॉलिटिशियन है ।


    हमारी सरकार में जो इसपर यकीन नहीं करते और जो चाहते है की इसे स्कूल के सिलेबस से बाहर कर दिया जाए। लेकिन इतना सारा सबूत सुनने के बाद कोई भी समझदार आदमी एवल्यूशन को गलत नहीं कहेगा।


    हमारी कहानी का आखिरी भाग है PRIMATES EVOLUTION  2021 में एक रिसर्च करी गयी जिसमें पाया गया सारे Primates का जो Ancestor था 65.9 Million साल पहले जिंदा रहा होगा डायनासोरस के साथ। Primates की EVOLUTION mammals में एक बड़ी branch थी और इसके बाद ही हमें जाकर देखने को मिलता है.

    15)गोरिल्ला, चिंपांजी, बंदर और इंसानों की एवल्यूशन की कहानी क्या है? 



    गोरिल्ला, चिंपांजी, बंदर और इंसानों की एवल्यूशन। आगे की कहानी क्या है? असल में इंसानों का विकास (EVOLUTION) कब हुआ? और कैसे हुआ? इसकी बाद किसी फ्यूचर के लेख में करते हैं। क्योंकि इस पर एक पूरा सेपरेट लेख बन सकता है। जो सारी प्रजातियाँ आज के दिन अस्तित्व में है। पेड़, पौधों, जानवरों की ये सारी एक ही संतुलन में अस्तित्व करती है। एक ऐसा संतुलन जहाँ पर हर कोई फिट बैठा है। हर एक स्पीशीज़ ने अपनी जगह बना रखी है। ecosystem में चाहे वो खून पीने वाले मच्छर जैसे जानवर ही क्यों ना हो। Shark क्यों ना हो या फिर जैसे Scavenger ही क्यों ना हो, सब के सब इस इकोसिस्टम में जरूरी है। अगर आपको THEORY OF EVOLUTION वाला Article आछा लगेतो दोस्तों को भेजो।
    धन्यवाद!

    प्रश्नोत्तर:-


    1. विकासवाद का सिद्धांत क्या है?

    ऊ: विकास के सिद्धांत से पता चलता है कि पृथ्वी पर सभी जीवित प्रजातियां प्राकृतिक चयन और अनुवांशिक भिन्नता के माध्यम से एक सामान्य पूर्वज से विकसित हुई हैं।

    2. प्राकृतिक चयन क्या है?

    ऊ: प्राकृतिक चयन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा लाभकारी आनुवंशिक लक्षणों वाली प्रजातियों के जीवित रहने और पुनरुत्पादन की संभावना अधिक होती है, जो उन लक्षणों को अगली पीढ़ी तक पहुंचाते हैं।

    3. डीएनए विकास में कैसे योगदान देता है?

    ऊ: डीएनए म्यूटेशन और आनुवंशिक भिन्नता से भौतिक लक्षणों में परिवर्तन हो सकता है, जिससे प्रजातियों को बदलते परिवेश में अनुकूलन और जीवित रहने की अनुमति मिलती है।

    4. कुछ प्रजातियाँ विलुप्त क्यों हो जाती हैं?

    ऊ: कुछ प्रजातियाँ पर्यावरण परिवर्तन या अन्य प्रजातियों के साथ प्रतिस्पर्धा के कारण विलुप्त हो जाती हैं, जबकि अन्य नई परिस्थितियों के अनुकूल होने या सफलतापूर्वक प्रजनन करने में विफल हो सकती हैं।

    5. क्या विकासवाद के सिद्धांत को व्यापक रूप से स्वीकार किया गया है?

    ऊ: हाँ, विकास के सिद्धांत को वैज्ञानिक समुदाय के बीच व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है और जीवाश्म और अनुवांशिक सहित कई अध्ययनों और सबूतों द्वारा समर्थित किया गया है।

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